नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को बुधवार को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.अधिकारियों ने बताया कि उनका बयान मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया.इससे पहले ईडी की टीम ने एनसीपी नेता से लंबी पूछताछ की थी। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय से बाहर लाया गया और उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। फिर आरोपी को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। जहां ईडी की तरफ से नवाब मलिक की 14 दिनों की रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 8 दिन के लिए नवाब मलिक को ईडी की रिमांड पर भेजा है। मलिक को 3 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहेंगे। नवाब मलिक को पूछताछ के लिए ले जाया गया था तो ईडी की इस कार्रवाई के खिलाफ एनसीपी कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय के पास स्थित पार्टी मुख्यालय के नजदीक प्रदर्शन किया.इस बीच, पार्टी के प्रवक्ता संजय तटकरे ने कहा, ‘विरोध नवाब मलिक से गलत तरीके से हो रही पूछताछ के खिलाफ है, जो नियमित रूप से भाजपा, एनसीबी, सीबीआई, ईडी के गठजोड़ को उजागर करता है. हम घुटने नहीं टेकने वाले. एनसीपी, भाजपा और सभी केंद्रीय एजेंसियों का पर्दाफाश करती रहेगी.
विपक्षी पार्टी BJP ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद मलिक को कैबिनेट मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें मंत्रिपद से इस्तीफा दे देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने कहा कि अगर इस सरकार को लगता है कि कोई गुनहगार मंत्री नहीं रहना चाहिए तो उन्हें नवाब मलिक से तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए। एनसीपी नवाब मलिक का समर्थन करके उनका नहीं दाऊद इब्राहिम गैंग का समर्थन कर रही है। BJP का कहना है कि ईडी की कार्रवाई को ‘बदले की राजनीति’ नहीं कहा जाना चाहिए और अगर सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं को यह सत्ता का दुरुपयोग लगता है तो वे अदालत जा सकते हैं।
नवाब मलिक के कार्यालय ने ट्वीट में बताया है कि ईडी के अधिकारी आज सुबह उनके (मलिक) आवास पर आए और उनके वाहन में जांच एजेंसी के कार्यालय तक गए। ट्वीट में यह कहा गया है कि मलिक ‘‘ना डरेंगे, ना झुकेंगे।नवाब मलिक की ओर से उनके वकील अमित देसाई दलील दे रहे हैं. उनका कहना है कि बीस साल पहले के मामले पर अब क्यों कार्रवाई की जा रही है? नवाब मलिक मंत्री हैं और एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं. उनका डी कंपनी से कोई संबंध नहीं है. अमित देसाई ने नवाब मलिक के पक्ष में कहा कि 2005 में जिस प्रॉपर्टी को खरीदने की बात कही जा रही है वह 300 करोड़ की बताई जा रही है. यह किस आधार पर है. ऐसा लगता नहीं कि यह संपत्ति 2005 में इतनी ज्यादा होगी. यह कोई हिंदी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है. एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को सिर्फ एक प्रॉपर्टी की खरीद के मामले में यह उन्हें देशद्रोही गतिविधि में शामिल नहीं माना जा सकता है.