Home Indian News सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र से मिली जीत – नोंगथोम्बम बीरेन सिंह

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र से मिली जीत – नोंगथोम्बम बीरेन सिंह

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र से मिली जीत – नोंगथोम्बम बीरेन सिंह

नई दिल्ली : मणिपुर में भाजपा की कामयाबी पर मुख्यमंत्री  नोंगथोम्बम बीरेन सिंह   ने कहा- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र से मिली जीत  मणिपुर में 60 विधानसभा सीटों के लिए सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है। मणिपुर की सभी 60 सीटों पर रुझान सामने आ गए हैं। रुझानों में भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। शुरुआती रूझानों में बीजेपी को ज्यादा बढ़ती मिलती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस पिछड़ती दिख रही है। सुबह 10 बजे तक मिले रुझान के अनुसार मणिपुर में में बीजेपी 25 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि कांग्रेस की बात करें तो वह 12 सीटों पर और एनपीपी 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। एनपीएफ 5 सीटों पर और अन्य 8 सीटों पर आगे चल रही  सीएम ने कहा कि बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएगी.

मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान होना जारी है. पहली सीट पर फाइनल रिजल्ट आ गया है, उन्होंने यहां एक बार फिर बाजी मार ली है  उन्होंने कहा, “मैंने भगवान से प्रार्थना की है कि आने वाले पांच साल पिछले 5 साल की तरह ही शांति और विकास वाले ही हों.’ रुझानों में मणिपुर में बीजेपी दोबारा सत्ता में वापसी करती दिख रही है. यहां से कांग्रेस को झटका लगा है. राज्य में कांग्रेस 9 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड का भी खाता खुल गया है.  चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक एन बीरेन सिंह को 24 हजार 814 वोट मिले हैं. उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पी शरतचंद्र सिंह को 18 हजार 271 वोटों के मार्जिन से हराया है. उन्हें 6,486 वोट मिले हैं मणिपुर की तिपइमुख विधानसभा सीट से जनता दल यूनायटेड (जेडीयू) के नंगुसंगलुर सानाटे ने जीत दर्ज की है 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मणिपुर में बीजेपी ने 24 सीटें जीती थीं और सबसे बड़ी पार्टी थी. कांग्रेस 17 सीटों पर दर्ज की थी. बीजेपी ने एनपीपी, एलजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार भी बना ली थी. जबकि 2012 में हुए चुनाव में कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं. बीजेपी की बात करें, तो साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. बता दें कि मणिपुर में दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को वोटिंग हुई थी. मणिपुर में दोनों चरणों में 265 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.