इसराइल और अमेरिका के बारे में क्या बोले लेबनान के राजदूत?

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FILE PHOTO: Iran's ambassador to Lebanon Mojtaba Amani attends a press conference at the Iranian embassy in Beirut, Lebanon July 31, 2024. REUTERS/Mohamed Azakir/File Photo

हाल ही में लेबनान के राजदूत ने इसराइल और अमेरिका के लिए एक बड़ा बयान दे दिया है! इजरायल-लेबनान के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत में लेबनान के राजदूत रबी नर्श ने कहा कि अमेरिका इजरायल का सबसे मजबूत समर्थक है। सिर्फ अमेरिका ही इजरायल को रोक सकता है और इस पर रोक लगा सकता है। लेकिन अमेरिका इजरायल को लगातार हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। रबी नर्श ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्याहू को वॉर क्रिमिनल करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘नेतन्याहू युद्ध अपराधी हैं। ये मैं नहीं कह रहा बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने उनके खिलाफ कहा है। वह अमेरिका का “बिगड़ैल बच्चा” है।’ अमेरिका में राष्ट्रपति के लिए हो रहे चुनाव को लेकर रबी नर्श ने कहा कि इजराइल लॉबी अमेरिका में सबसे मजबूत लॉबी में से एक है। यह कोई रहस्य नहीं है। हम यह नहीं कह रहे कि जो भी सत्ता में आए वह इजरायल का बहिष्कार करे। हम मांग कर रहे हैं कि वे इजरायल की सरकार और नेतन्याहू पर दबाव डाले। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जो भी नया एडमिनिस्ट्रेशन आएगा वह यह कह सकेगा कि, बहुत हो चुका है।

लेबनान के राजदूत ने कहा कि अरब पक्ष हमेशा शांति की मांग करता रहा है। उन्होंने कहा कि 22 अरब देशों ने शांति पहल का प्रस्ताव रखा और कहा कि हम इजरायल को मान्यता देंगे। रबी नर्श ने कहा कि इजरायल लगातार हमारे खिलाफ हमारे देश की छवि खराब करने के लिए झूठा प्रोपगेंडा चला रहा है। उनकी डिजिटल आर्मी चीजों को गलत तरीके से पेश कर रही है और सोशल मीडिया के जरिए चीजों को आसानी से मैनिपुलेट किया जा सकता है।

लेबनान के राजदूत रबी नर्श ने कहा कि हमें पता है हमारी छवि खराब करने के लिए उसे लगातार फंड भी मिल रहा है और इजरायल के पास तकनीक भी है। हमारे पास हमारा सच है। भले ही इजरायल की तरह हमारे पास फंड या तकनीक नहीं है लेकिन हमारे पास सच है और हमारी विलपावर है। उन्होंने अपील की कि हम किसी से यह नहीं कह रहे हैं कि हमारा पक्ष लें लेकिन बस यह अपील है कि जो भी पढ़ते या सुनते हैं उसे वेरिफाई कर लें।

रबी नर्श ने कहा कि यह सब संघर्ष इजरायल की स्थापना के साथ ही शुरू हुआ। हमें पता है कि यहूदी समुदाय ने बहुत ज्यादतियां झेली हैं लेकिन उनके खिलाफ वह अपराध यूरोपीय ईसाइयों ने किया था। अगर यूरोपियंस को अब अपने पापों का प्रायश्चित करना है तो वह हमारी कीमत पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबनान को युद्ध शुरू होने के बाद से ही लगातार मानवीय सहायता मिल रही है, जिसमें भारत भी शामिल है। बिना मांगे ही भारत ने अपनी सहायता भेज दी, लेकिन अनुपलब्धता के कारण इसमें देरी हुई। 20 टन दवाएं रास्ते में हैं। लेबनान कितना लंबा इस युद्ध को झेल सकता है, इस सवाल पर लेबनान के राजदूत ने कहा कि हम तब तक इस युद्ध में लड़ते रहेंगे जब तक हमें अपनी भूमि की रक्षा करने और जीने का अधिकार न मिल जाए।

बता दे कि रबी ने कहा कि हिजबुल्लाह 1985 में ही औपचारिक तौर पर बना, यह इजरायल की आक्रामकता के खिलाफ प्रतिक्रिया में बना। हमारे लोग उन पर हो रहे अत्याचार की खुद रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह सरकार में शामिल है और वह किसी भी दूसरे राजनीतिक दल की तरह राजनीतिक दल है। यह लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था के स्थापित नियमों के भीतर कार्य करता है।

रबी का कहना है कि ईरान से हिजबुल्ला को मदद मिलती है, ट्रेनिंग मिलती है, हथियार मिलते हैं, यह कोई सीक्रेट नहीं है। उन्होंने ब्रिक्स का भी जिक्र किया और कहा कि हमें उम्मीद है कि वे एक कड़ा बयान जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि इस जंग में लेबनान के 2400 से ज्यादा लोग हताहत हो चुके हैं। मानवीय स्थिति खराब है। लोग पीड़ित हैं, बच्चे पीड़ित हैं। कोई स्कूल नहीं हैं। इजरायली हमले में हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत पर लेबनान के राजदूत ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था, ‘आप एक क्रांतिकारी को मार सकते हैं, लेकिन क्रांति को नहीं।’ व्यक्ति नश्वर होते हैं, लेकिन मकसद हमेशा बना रहता है। उन्हें मार दिया गया, वह हमास में नंबर 5 था। उनके पास सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।

दरअसल UNIFIL लगातार कह रहा है कि इजरायली सैनिक उनकी चौकी को निशाना बना रहे हैं और यूएन प्रस्ताव-1701 का उल्लंघन कर रहे हैं। दूसरी तरफ इजरायली डिफेंस फोर्सेस का कहना है कि हिजबुल्लाह के ठिकाने UNIFIL की चौकियों के पास हैं जहां से हिजबुल्लाह इजरायल पर रॉकेट और मिसाइल दाग रहा है। UNIFIL के तहत इजरायल-लेबनान सीमा पर भारत सहित दुनिया के 50 देशों की सेना के 10 हज़ार से ज़्यादा सैनिक तैनात हैं। इसमें भारत के भी करीब 900 सैनिक हैं।