कई ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है जिसमें एक इंसान प्यार के चलते कत्ल पर उतर आता है! पहाड़ों की रानी कहते हैं मसूरी को। उत्तराखंड का एक मशहूर हिल स्टेशन। उस दिन मसूरी के एक होटल में हड़कंप मच गया। होटल में एक लड़के की खून से लथपथ लाश मिली। लड़का कौन था, किसने किया कत्ल और वजह क्या थी कुछ भी साफ नहीं था। होटल ने पुलिस को सूचना दी और फिर मसूरी के इस कत्ल की कहानी पहुंची दिल्ली के शाहीन बाग तक। पुलिस की टीम होटल पहुंची। लाश रूम में पड़ी हुई थी। हर तरफ खून फैला हुआ था। ऐसा लग रहा था लड़के की उम्र करीब 25 साल के आसपास है। बड़ी बेरहमी से लड़के का कत्ल किया गया था। अब जांच शुरू हुई। सबसे पहला काम था लाश की शिनाख्त करना। ये जानना है कि जिस लड़के का कत्ल हुआ है वो है कौन। छानबीन में सामने आया कि लड़के का नाम कपिल चौधरी है और वो रुड़की का रहने वाला है। पिता पुलिस इंस्पेक्टर है।
ये घटना इसी साल 10 सितंबर की है। परिवार वालों ने बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। हत्या की खबर परिवारवालों तक पहुंची तो मातम छा गया। दो दिन से कपिल लापता था। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कहां गया, लेकिन अब बेटे की लाश सामने थी। पुलिस के लिए ये एक ब्लाइंड मर्डर था। बस सीसीटीवी के आधार पर जांच शुरू हुई और फिर केस की कड़ियां जुड़ती चली गई। उस रात मसूरी में कपिल दिल्ली के शाहीन बाग की रहने वाली एक लड़की जिसका नाम कुदरत था उसके साथ आया था। कुदरत के साथ उसका भाई अब्दुल्ला भी था। कुदरत ने एक दिन पहले ही कपिल को हरिद्वार घूमने के बहाने से बुलाया। तीनों एक रात हरिद्वार में रुके और उसके बाद अगले दिन मसूरी आ गए। रात को कपिल होटल के कमरे में सोया हुआ था। कुदरत और उसके भाई ने सोते हुए में ही कपिल की हत्या कर डाली और फिर वहां से फरार हो गए, लेकिन सीसीटीवी कैमरे ने सारे राज खोल दिए।
दरअसल कपिल चौधरी, कुदरत से 2 साल पहले दिल्ली में मिला था। दोनों की दोस्ती हो गई और फिर प्यार। दोनों के बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बने। कुदरत कपिल से काफी ज्यादा प्यार करती थी। उसने कपिल के नाम का टैटू भी गुदवाया था। वो शादी करना चाहती थी, लेकिन कपिल का परिवार इस बात के लिए तैयार नहीं था। वो कपिल से शादी की जिद करने लगी, लेकिन कपिल अपने परिवार के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। बस फिर क्या था कुदरत ने कपिल को रास्ते हटाने का प्लान बना लिया।
कुदरत ने पुलिस को बताया कि वो नहीं चाहती थी कि कपिल किसी और का हो और इसलिए उसने अपने भाई के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची। जानबूझकर घूमने के बहाने से कपिल को हरिद्वार बुलाया और उसकी कार से मसूरी गए। मसूरी में भी दोनों के बीच शादी को लेकर बातचीत हुई, लेकिन कपिल ने इनकार कर दिया और फिर उसने उसी रात उसका कत्ल कर दिया। यही नहीं दिल्ली के इस मामले ने दो महीने पहले हुए एक और इसी तरह की घटना को फिर से ताजा कर दिया। दिल्ली में रोड रेज मामले अमेजन के सीनियर मैनेजर का कत्ल हुआ था। जांच हुई तो पता चला कि कत्ल करने वालों में एक लड़का नाबालिग था। इस लड़के के नाम मोहम्मद समीर उर्फ माया था। ये खुद को गैंगस्टर बताता था। उम्र अभी 18 साल भी नहीं हुई थी, लेकिन खुद को अपराधी कहलवाने का इसे बेहद शौक था। इसने अपने फेसबुक प्रोफाइल में हथियारों के साथ कई फोटो डाले हुए थे। इसकी प्रोफाइल का कैप्शन भी बेहद चौंकाने वाला था- ‘नाम – बदनाम, पता – कब्रिस्तान ,उम्र जीने की, शौक मरने का’।
आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि बड़े गैंगस्टर्स भी नाबालिगों को अपने गैंग का हिस्सा बनाते हैं। नाबालिगों को गैंग से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है, उन्हें एक अलग तरह की दुनिया के सपने दिखाए जाते हैं। दरअसल टीनएज में लड़कों को बरगलाना आसान होता है और गैंगस्टर्स के लिए ये फायदे का सौदा होता है। नाबालिगों से अपराध करवाने के बाद अगर वो गिरफ्तार भी हो जाते हैं तो उन्हें सजा नहीं होती है और इसलिए ये गैंगस्टर्स उन्हें अपने गैंग से जोड़ते हैं। शहरों में जुर्म की मानसिकता की तरफ बढ़ता युवाओं और किशोरों का ये रुझान बेहद डराने वाला है। ये कानून से ज्यादा माता-पिता और समाज की जिम्मेदारी है कि बच्चों को बर्बाद होने से रोका जाए। जुर्म की ऐसी कहानियां जितनी भयानक है उतनी ही दर्दनाक भी।