Monday, April 29, 2024
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क्या फ्री की रेवड़ी से मिलेगी आने वाले चुनावों में सत्ता?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या आप फ्री की रेवड़ी से आने वाले चुनावों में सत्ता मिलेगी! कर्नाटक में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस ने अब उसी रणनीति पर अन्य राज्यों में चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है। पार्टी को लगता है कि ‘कर्नाटक मॉडल’ ही जीत की ‘गारंटी’ हैं। लेकिन कांग्रेस की इस रणनीति से सबसे अधिक नुकसान आम आदमी पार्टी को हो रहा है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो, अब पार्टी AAP की पिच पर ही बैटिंग करने के मूड में है। दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो ने कई चीजों को मुफ्त देने का ऐलान किया था। कांग्रेस की ये रणनीति सफल भी हुई और अब पार्टी इस प्लान पर आगे के चुनावों में भी जाना चाहती है। इसके संकेत पिछले कुछ दिनों में एमपी और हरियाणा में देखने को मिले हैं।

एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि अगर साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता में वापसी करती है।एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि अगर साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता में वापसी करती है, तो वो 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त और 200 यूनिट तक बिजली का बिल मौजूदा दर के मुकाबले आधा कर देगी। तो वो 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त और 200 यूनिट तक बिजली का बिल मौजूदा दर के मुकाबले आधा कर देगी।

वहीं, हरियाणा में भी कांग्रेस ने मुफ्त प्लॉट देने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर 2024 में पार्टी सत्ता में वापसी करती है तो 300 यूनिट मुफ्त बिजली और गरीब परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट देगी। कुछ ऐसा ही वादा कांग्रेस ने कर्नाटक में किया था, जहां 200 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा का ऐलान किया था।

कांग्रेस के इस ऐलान से जहां एक बार फिर मुफ्त देने की पंरपरा को बढ़ावा देने की बात कही जा रही तो वहीं, कांग्रेस के इस कदम से आम आदमी पार्टी की मुसीबत बढ़ गई है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो, कांग्रेस आम आदमी पार्टी की पिच पर बैटिंग करती नजर आ रही है।।।क्योंकि आम आदमी पार्टी ने सर्वाधिक नुकसान कांग्रेस को पहुंचाया है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से मुफ्त में बिजली-पानी देने का ऐलान किया था, जिसका पार्टी को फायदा हुआ और वो तीन बार से राजधानी की सत्ता में बैठी है। आम आदमी पार्टी को इसका फायदा पंजाब में भी हुआ है और वो इसको आगे भी जारी रखना चाहती है, लेकिन कांग्रेस के इस कदम ने आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है।

वहीं, आम आदमी पार्टी के एक नेता ने नाम न छपने की शर्त पर NBT से बात करते हुए कहा कि ‘कांग्रेस का बड़ा वोटबैंक दिल्ली, पंजाब और गुजरात में आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ है। आम आदमी पार्टी ने जनता के सामने विकल्प रखा, जिसको स्वीकृति मिली।जिसका पार्टी को फायदा हुआ और वो तीन बार से राजधानी की सत्ता में बैठी है। आम आदमी पार्टी को इसका फायदा पंजाब में भी हुआ है और वो इसको आगे भी जारी रखना चाहती है, लेकिन कांग्रेस के इस कदम ने आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है। केजरीवाल मॉडल की अब देशभर में डिमांड हो रही है और इसलिए ‘आप’ धीरे-धीरे अन्य राज्यों में भी पांव पसार रही है। हां, ये सच है कि मुफ्त देने का फायदा हमें चुनाव में मिलता है क्योंकि आज भी एक बड़ी आबादी को ये सारी स्कीम लुभाती हैं।’

दूसरी ओर, कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले दिल्ली में नुकसान पहुंचाया और फिर पंजाब, गुजरात, गोवा, उत्तराखंड और अब कर्नाटक में यही तैयारी थी, लेकिन जनता अब सबकुछ समझ गयी है। कांग्रेस अब अपना खोया हुआ जनाधार वापस पा रही है और इसका असर हिमाचल और कर्नाटक में देखने को मिला है। रही बात, फ्री की तो, चुनाव में पहले भी इस तरह के ऐलान होते थे और आगे भी होंगे।’

अब मुफ्त बांटने की पॉलिटिक्स का कितना फायदा कांग्रेस को होगा, ये वक्त बतायेगा लेकिन मौजूदा समय में ये स्कीम फिट बैठती दिख रही है। कर्नाटक चुनाव के दौरान हुए सर्वे में ये बात सामने आई थी कि कांग्रेस के मुफ्त बांटने के ऐलान को 70 फीसदी पसंद किया गया था। कुछ ऐसी ही बात दिल्ली में आम आदमी पार्टी को लेकर भी है!

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