Tuesday, April 29, 2025
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क्या अब उत्तर रेलवे के स्टेशनों में डिजिटल पेमेंट होगा ?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या आप उत्तर रेलवे के स्टेशनों में डिजिटल पेमेंट होगा या नहीं! सुबह-सुबह का वक्त है। हाथ-मुंह धोने के बाद एक अच्छी चाय की तलब लगी है। चाय के साथ ही एक टोस्ट और बिस्किट भी खाने का मन है। सामने चाय-नाश्ते के स्टॉल पर यह बिक भी रहा है। इसे खरीदने के लिए जेब में पैसे भी पर्याप्त हों, लेकिन आप उसे खरीद नहीं सकें। सोचिए, आपको कैसा लगेगा। ऐसा ही आज हुआ है रामभरोसे के साथ। रामभरोसे मंडल बिहार में भागलपुर जिले के रहने वाले हैं। वह पंजाब के लुधियाना की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। वह 28 मई को सुबह साढ़े सात बजे विक्रमशिला एक्सप्रेस से आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर उतरे। अच्छी चाय की तलब लगी थी, सोचा रेलवे स्टेशन पर पी लेंगे। लेकिन यहां तो उनके साथ खेल हो गया। टी स्टॉल वाले ने उनसे चाय के बदले डिजिटल पेमेंट करने को कहा। वह डिजिटल पेमेंट नाम की चिड़िया को जानते ही नहीं है। उन्हें लुधियाना के लिए नई दिल्ली से ट्रेन पकड़नी थी। सोचा नई दिल्ली में जा कर चाय पी लेंगे। ईएमयू ट्रेन से वह आनंद विहार से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां भी उनके साथ यही कांड हुआ।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर रामभरोसे चाय-नास्ते के स्टॉल पर पहुंचे। स्टॉल वाला आर्डर देने से पहले पूछा डिजिटल पेमेंट करना होगा। उसने पूछा यह क्या होता है तो स्टॉल वाले ने कहा मोबाइल फोन से पेमेंट कर दो। उन्होंने अपना ओल्ड मॉडल बटन वाला फोन आगे कर दिया। दुकानदार ने कहा सामान नहीं मिलेगा। आज से नया आर्डर लागू हो गया है। अब रेलवे स्टेशन पर सिर्फ डिजिटल पेमेंट के जरिये ही सामान मिलेगा। रामभरोसे को जब रेलवे स्टेशन पर चाय नहीं मिली तो वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बाहर निकल गए। पहाड़गंज साइड जब वह सड़क पर गए तो तब जा कर उन्हें सांस में सांस आई। वहां भट्ठी पर ताजी चाय बन रही थी। ताजा ब्रेड सेक कर मक्खन लगा कर टोस्ट भी बनाया जा रहा था। उन्हें यहां बेकरी का बढ़िया बिस्कुट भी मिल गया। किसी ने डिजिटल पेमेंट की मांग नहीं की।

दरअसल, उत्तर रेलवे ने फैसला किया है कि आज यानी 28 मई 2024 से उसके अधिकार क्षेत्र वाले सभी शत प्रतिशत रेलवे स्टॉल्स पर ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था होगी। मतलब कि डिजिटल वॉलेट से पेमेंट या ऑनलाइन पेमेंट। यह आदेश बीते 21 मई को उत्तर रेलवे के सीसीएम कैटरिंग की तरफ से जारी किया गया था। इसमें दुकानदारों को एक सप्ताह का वक्त दिया गया था। इस अवधि के अंदर रेलवे स्टेशनों पर डिजिटल ट्रांजेक्शन स्वीकार करने के लिए उपकरण लगाने के आदेश दिए गए थे। मतलब दुकानदार क्यूआर कोड, स्वाइप मशीन व ऑनलाइन भुगतान प्राप्त करने के लिए अन्य व्यवस्था कर ले। यह एक सप्ताह की अवधि 27 मई को ही समाप्त हो चुकी है। हालांकि, रेलवे के वेंडर इस आदेश को ठीक से समझ नहीं पाए। उन्होंने समझ लिया कि आज यानी 28 मई से रेलवे स्टेशनों की सभी दुकानों पर सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट कर यात्री समान खरीद पाएंगे। इसलिए वे यात्रियों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं।

उत्तर रेलवे के सीपीआरओ का कहना है कि सभी स्टॉल में ऑनलाइन पेमेंट स्वीकारने की व्यवस्था की गई है। लेकिन नकदी मतलब कि नोट और सिक्के देकर भी सामानों की खरीदी जारी रहेगी। उत्तर रेलवे के इस फैसले को अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन ने इसे जन विरोधी फैसला बताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता का कहना है कि 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट अनिवार्य नहीं होना चाहिए। अभी अधिकतर यात्रियों को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। दिल्ली रेलवे स्टेशन से बाहर निकल गए। पहाड़गंज साइड जब वह सड़क पर गए तो तब जा कर उन्हें सांस में सांस आई। वहां भट्ठी पर ताजी चाय बन रही थी। ताजा ब्रेड सेक कर मक्खन लगा कर टोस्ट भी बनाया जा रहा था। उन्हें यहां बेकरी का बढ़िया बिस्कुट भी मिल गया। किसी ने डिजिटल पेमेंट की मांग नहीं की।जब से सरकार ने ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने का काम शुरू किया था तभी से रेलवे स्टेशनों के स्टॉल पर क्यूआर कोड, स्वाइप मशीन आदि रखी हुई हैं। जो यात्री डिजिटल पेमेंट करना चाहता हैं वह करते हैं। बाकी नकद लेनदेन भी करते हैं। सिर्फ डिजिटल पेमेंट से ही दुकानदार सामान बेचेंगे यह आदेश सही नहीं है।

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