नई दिल्ली : रूस ने यूक्रेन पर आज तड़के हमला कर दिया है। इससे वहां अलग-अलग शहरों की यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र फंस गए हैं। सभी में डर का माहौल है। सुबह छात्रों का कहना था कि इंडियन एम्बेसी में फोन रिसीव नहीं हो रहे हैं, जिससे उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। जिनमें छात्रों ने भावुक होते हुए भारतीय अधिकारियों से उनकी वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया. सोशल मीडिया पर वायरल इन वीडियो को कई प्रमुख हस्तियों ने साझा किया है और सरकार से इस संबंध में कदम उठाए जाने का आह्वान किया है.हालांकि दोपहर तक एम्बेसी ने करीब 150 छात्रों को रेस्क्यू किया है। जो छात्र रेस्क्यू नहीं हो पाए हैं, वे अपने हॉस्टल और घरों में छिपे हुए हैं। वहीं एम्बेसी ने भी भारतीय स्टूडेंट को फ्लैट से निकलने काे मना कर दिया है। कहा गया है कि 6 दिन तक वे जहां, जैसे हैं, उसी हालत में निकालें। यही नहीं, एम्बेसी ने उन्हें एटीएम तक जाने से भी रोका है, क्योंकि उनके साथ लूट की घटना हो सकती है।यूक्रेन की राजधानी कीव में इंडियन एम्बेसी ने गुरुवार को एक स्कूल को शेल्टर होम बनाया था। स्कूल इंडियन एम्बेसी की बिल्डिंग से 100 मीटर की दूरी पर ही है। गुरुवार को एयरपोर्ट पर हुए हमले के कारण सारी फ्लाइट्स रद्द कर दी गई थीं। वहीं, स्टेशन पर फंसे 200 इंडियन स्टूडेंट्स को रेस्क्यू किया गया था। इंडियन एम्बेसी ने सुबह तक 400 स्टूडेंट्स को इस शेल्टर होम में पहुंचा दिया। मोतिहारी के स्टूडेंट दीपक ने बताया कि उन्हें खाना-पानी दिया गया है। वहीं, एम्बेसी के कुछ ऑफिशियल्स ने बताया है कि जल्द सभी को बॉर्डर के रास्ते बाहर निकाला जाएगा।
इस बीच यूक्रेन ने देश के भीतर नागरिक विमानों की उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया है. नोटिस टू एयर मिशन जारी कर दिया गया है. इससे पहले यूक्रेन और रूस के बीच तनाव को देखते हुए एअर इंडिया का एक विमान पूर्वी यूरोपीय देश से करीब 240 भारतीयों को लेकर मंगलवार रात दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा. उड़ान संख्या एआई 1946 देर रात नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी. इसने कीव में बोरिस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शाम करीब छह बजे उड़ान भरी थी. एम्बेसी की ओर से जारी एडवाइजरी में अभी कीव से किसी भी तरह के रेस्क्यू की बात नहीं कही गई है। अभी सिर्फ यूक्रेन के पश्चिमी बॉर्डर पर हंगरी, रोमानिया और पोलैंड के रास्ते स्टूडेंट्स को बाहर निकाला जाएगा। वहीं, सभी को भारतीय झंडा गाड़ी पर लगाने को कहा गया है। साथ ही अपना पासपोर्ट, कोविड के दोनों डोज की सर्टिफिकेट इमरजेंसी खर्च के लिए यूएस डॉलर में करंसी रखने का निर्देश दिया गया है। उन्हें स्टूडेंट कॉन्ट्रैक्टर्स के संपर्क में रहने की हिदायत भी दी गई है।