Saturday, March 15, 2025
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जयंत चौधरी ने कहा कि उन्हें हेमा मालिनी नहीं बनना है

नई दिल्ली:  राष्ट्रीय लोकदल का राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भारतीय जनता पार्टी पर लगातार हमलावर हैं। मथुरा की एक जनसभा में उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा रालोद नेताओं पर डोरे डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी पार्टी के एक सहयोगी को आफर दिया और कहा हेमा मालिनी बना दूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए भी बाते चल रही हैं, लेकिन भाजपा को मुझसे कोई प्यार नहीं है। मुझे खुश करके क्या मिल जाएगा। मुझे नहीं बनना हेमा मालिनी। उन्होंने कहा, ”आज इनकी जुबान पर मेरे लिए इतनी मीठी-मीठी बातें हैं। योगेश तो कह रहा था, योगेश को तो अमित शाह ने कह दिया कि आ जा तेरा हेमा मालिनी बना दूंगा। और ना जानें कैसी कैसी बातें मेरे लिए भी कह रहे हैं। कोई प्यार कोई लगाव नहीं है हमारे लिए। और मैं कह रहा हूं कि मुझे खुश करके क्या मिल जाएगा, मुझे तो नहीं बनना हेमा मालिनी।

जयंत चौधरी ने गृहमंत्री अमित शाह के बीते दिनों  के बयान ‘जयंत चौधरी ने गलत घर चुन लिया है’ पर बिना किसी का नाम लिए पलटवार करते हुए कहा कि वे हमें बुला रहे हैं, हम इतने सस्ते नहीं हैं। अपना ईमान नहीं बेचेंगे। रालोद प्रमुख ने कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों की मौत को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने ॉलखीमपुर खीरी हिंसा की घटना को लेकर सत्तारूढ़ भगवा पार्टी पर भी निशाना साधा और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसानों के रुख पर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की भी नजरें लगी हैं।जयंत चौधरी ने गृहमंत्री अमित शाह के बीते दिनों के बयान ‘जयंत चौधरी ने गलत घर चुन लिया है’ पर बिना किसी का नाम लिए पलटवार करते हुए कहा कि वे हमें बुला रहे हैं, हम इतने सस्ते नहीं हैं। अपना ईमान नहीं बेचेंगे। रालोद प्रमुख ने कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों की मौत को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने  लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना को लेकर सत्तारूढ़ भगवा पार्टी पर भी निशाना साधा और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसानों के रुख पर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की भी नजरें लगी हैं।

यूपी विधान सभा चुनाव में जयंत चौधरी की पार्टी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया है. जयंत चौधरी आरएलडी और सपा के गठबंधन की जीत का दावा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सपा-आरएलडी गठबंधन में कड़ी टक्कर है  जयंत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। कहा, बाबा जी को पश्चिम के लोगों में न जाने कौन सी गर्मी दिख रही है। वह यहां के लोगों का मिजाज नहीं जानते। हमारा खून ही गर्म है। बाबा हमारे खून का इलाज करने चले हैं। उन्हें 10 फरवरी को कंबल लेकर गोरखपुर के मठ भेज दो  और कहा कि युवाओं की भर्ती हुई, घर वालों ने मिठाई बांटी और फिर पता चला भर्ती रुक गई। ये सब व्यवस्था का सवाल है। चुनाव में इस पर गौर करना है। भाजपा की ओर संकेत कर कहा, उनकी मंशा जातिवाद कर हमारी एकता को तोड़ने की है।

अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के घर पहुंची कंगना रनौत औऱ दूसरे सेलेब्स, पार्टी की वीडियो आई सामने

नई दिल्ली।  अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही में मुंबई में अपना घर बनाया है। उन्होंने अपना यह घर पिता को समर्पित किया है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के मुंबई वाले घर का नाम नवाब है। हाल ही में अपने नए घर पर उन्होंने खास पार्टी रखी। इस पार्टी में बॉलीवुड के कई सितारे पहुंचे और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पार्टी को और भी खास बनाया है।

अभिनेता के घर की पार्टी में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट और अवनीत कौर पहुंचीं। यह तीनों सितारे जल्द फिल्म टींकू वेड्स शेरू में भी नजर आने वाले हैं। सिलेब्रिटी फोटोग्राफर विरल भियानी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के घर की पार्टी का वीडियो शेयर किया है। इस पार्टी में अभिनेता के साथ कंगना रनोट और अवनीत कौर नजर आ रही हैं।

 

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वीडियो में कंगना रनोट व्हाइट कलर की साड़ी में दिखाई दे रही हैं। जबकि अवनीत कौर ने ब्लैक कलर की ड्रेस पहनी हुई है। इन ड्रेस में दोनों अभिनेत्रियां काफी खूबसूरत दिख रही हैं। वहीं कंगना रनोट और अवनीत कौर के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी पोज देते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, कंगना रनोट और अवनीत कौर का वीडियो वायरल हो रहा है।

तीनों कलाकारों के फैंस वीडियो को पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपको बता दें कि नवाजुद्दीन ने अपना आलीशान बंगला मुंबई में बनवाया है जिसकी तस्वीरे उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। इस बंगले की खास बात यह है कि इसका लुक एक्टर के गांव बुढ़ाना वाले घर से इंस्पायर्ड है। जिसे नवाजुद्दीन ने खुद इंटीरियर डिजाइन किया है।

एक बार फिर से Janhvi Kapoor ने बढ़ाया इंटरनेट का पारा

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस जान्हवी कपूर (Janhvi Kapoor) ने बेहद ही कम वक्त में इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई है। फिल्म ‘धड़क’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली जाह्नवी न सिर्फ अपनी ​एक्टिंग बल्कि अपनी ड्रेसिंग सेंस के लिए भी चर्चा में रही हैं। वह अक्सर ही अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें पोस्ट कर फैंस को दीवाना बनाती हैं। इसी बीच जाह्नवी ने अपनी एक बेहद बोल्ड तस्वीर शेयर कर इंटरनेट पर आग लगा दी है।

जाह्नवी कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपना एक लेटेस्ट बोल्ड तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में वह ब्लैक कलर के बोल्ड ऑफ शोल्डर ड्रेस में नजर आ रही हैं। आप देख सकते हैं कि वह मिरर के सामने अपनी सेल्फी लेती नजर आ रही हैं।

 

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वहीं उनकी इस ड्रेस का गला आगे से काफी ज्यादा डीप होता है जिसकी वजह से जाह्नवी का ऊप्स मोमेंट कैप्चर हो जाता है। इसी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। वहीं इस दौरान जाह्नवी के बाल ओपन है। वहीं तस्वीर में एक्ट्रेस के बैकग्राउंड में उनकी ड्रेसेज और फुटवियर्स के कलेक्शन नजर आ रहे हैं। इस दौरान उनके पोज देने का अंदाज फैंस के बीच चर्चा में बना हुआ है।

जाह्नवी कपूर की इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर जहां काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं कई उन्हें ट्रोल करते नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘दिन पर दिन तुम बहुत हॉट होती जा रही हो।’ तो वहीं कई लोगों ने उन्हें सही से कपड़े पहनने की बात भी कही है। इस तस्वीर को अबतक काफी बार देखा जा चुका है।

 

अब किसके प्यार में पड़े कार्तिक आर्यन, देखिए तस्वीर

नई दिल्ली। धमाका एक्टर कार्तिक आर्यन ने बहुत ही कम समय में फिल्म जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी लड़कियों की एक अच्छी खासी प्रशंसकों की लिस्ट है। वह अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपनी लव लाइफ को लेकर भी अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। हालांकि अब तक अपने रिश्ते पर कभी खुलकर बात न करने वाले कार्तिक आर्यन ने बताया कि उन्हें एक बार फिर से प्यार मिल गया है।

प्यार का पंचनामा एक्टर कार्तिक आर्यन ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की है। लेकिन हम आपको बता दें कि कार्तिक को किसी लड़की लड़की से नहीं बल्कि एक बहुत ही प्यारे से पप्पी से हुआ है। जिसके साथ उन्होंने सोशल मीडिया पर खेलते हुए तस्वीर पोस्ट की। कार्तिक आर्यन ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, ‘कटोरी, मुझे फिर से प्यार हो गया है’। इस तस्वीर में कार्तिक आर्यन पीच हुडी में बहुत ही हैंडसम लग रहे हैं।

 

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कार्तिक आर्यन की ये तस्वीर उनके फैंस के साथ-साथ कई सितारों को भी खूब पसंद आई। कार्तिक आर्यन की कटोरी के साथ खेलते हुए यह तस्वीर सितारों को काफी पसंद आई और उन्होंने इस पर कमेंट किया। रकुल प्रीत सिंह ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘कटोरी बहुत ही प्यारा नाम है’। कार्तिक के साथ फिल्म लुका-छुप्पी में नजर आईं कृति सेनन ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘ये बिलकुल वैसे ही दिख रही है जैसे डिस्को अपने बचपन में दिखता था’।

प्रनुतन बहल ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘क्या कटोरी की कटोरी कट है’। इस तस्वीर को अब तक 6 लाख से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। कार्तिक आर्यन इन तस्वीरों में कटोरी के साथ खेलती हुई नजर आ रही है।कार्तिक आर्यन की लास्ट फिल्म ‘धमाका’ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था। अब कार्तिक जल्द ही अनीस बाजमी की फिल्म ‘भूल भुलैया’ में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म में वह तब्बू के साथ पहली बार स्क्रीन स्पेस शेयर करते हुए नजर आएंगे। इस फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है।

Economic Survey 2022: लगभग 14,000 नए Startup को भारत में मिली मान्यता!

भारत में पिछले छह वर्षों में Startup का उल्लेखनीय विकास हुआ है। नए मान्यता प्राप्त Startup की संख्या 2016-17 में केवल 733 से 2021-22 में बढ़कर 14,000 से अधिक हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, भारत में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त 61,400 से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनमें से कम से कम 14,000 वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान मान्यता प्राप्त हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पहले प्रस्तुत किए गए सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि अप्रैल 2019 से, दिल्ली ने बेंगलुरु की तुलना में भारत के कुल स्टार्टअप में अधिक स्टार्टअप जोड़े हैं।

सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था का एक वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है जो कई क्षेत्रों के प्रदर्शन की जांच करता है और भविष्य की चाल का सुझाव देता है। यह जीडीपी विकास अनुमान को भी सामने रखता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में 555 जिलों में कम से कम एक नया स्टार्टअप था, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि भारत में स्टार्टअप पिछले छह वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़े हैं, जिनमें से अधिकांश आईटी/ज्ञान-आधारित क्षेत्रों में हैं।

अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। सर्वेक्षण में दिखाया गया है कि रिकॉर्ड 44 भारतीय स्टार्टअप ने 2021 में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया, भारत में स्टार्टअप यूनिकॉर्न की कुल संख्या 83 हो गई, जिसमें अधिकांश सेवा क्षेत्र में हैं।

उन्होंने सर्वेक्षण में भारत में स्पेस टेक Startups के विकास की ओर भी इशारा किया। सर्वेक्षण के अनुसार, सेक्टर में Startups की संख्या 2019 में 11 से बढ़कर 2021 में 47 हो गई है। हाल के वर्षों में, दिल्ली ने बेंगलुरु को भारत की स्टार्टअप राजधानी के रूप में बदल दिया है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिल्ली में 5,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप जोड़े गए, जबकि अप्रैल 2019 और दिसंबर 2021 के बीच बेंगलुरु में 4,514 स्टार्टअप जोड़े गए। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 11,308 के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त Startup हैं।

भारतीय स्टार्टअप ने जनवरी के माध्यम से 130 सौदों में $ 3.5 बिलियन तक के रिकॉर्ड निवेश को रोक दिया, वैश्विक बाजारों में मंदी के बीच एक दशक के उच्च को चिह्नित किया और निरंतर निवेशक रुचि का संकेत दिया, ईटी ने सोमवार को पहले सूचना दी। जनवरी में घोषित सौदों का कुल मूल्य पिछले साल के इसी महीने की तुलना में छह गुना अधिक है, जिसमें $ 600 मिलियन के 75 सौदे हुए। जनवरी 2020 में, भारतीय स्टार्टअप ने $1 बिलियन के मूल्य के साथ 65 सौदों को सील कर दिया, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।\

Startup in india

आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?

यह वित्त मंत्रालय का अर्थव्यवस्था का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है, जो कई क्षेत्रों के प्रदर्शन की जांच करता है और भविष्य के कदमों का सुझाव देता है। यह जीडीपी विकास अनुमान को भी सामने रखता है। भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण पिछले वित्तीय वर्ष में देश के आर्थिक प्रदर्शन की एक विस्तृत रिपोर्ट है। इसमें सभी प्रमुख सरकारी योजनाओं के साथ-साथ प्रमुख नीतियों और उनके परिणामों का विवरण शामिल है।

सर्वेक्षण पिछले एक साल में प्रमुख आर्थिक विकास का एक स्नैपशॉट प्रदान करता है और लघु से मध्यम अवधि में क्या आने वाला है इसकी एक झलक प्रदान करता है। यह अनिवार्य रूप से बजट पेश करने की आधारशिला रखता है। सर्वेक्षण सभी क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण करके पिछले वित्तीय वर्ष में भारत में आर्थिक विकास की समीक्षा करता है। यह आने वाले वर्ष के लिए देश की प्राथमिकताओं और चुनौतियों को निर्धारित करके केंद्रीय बजट की बेहतर समझ देने में भी मदद करता है। सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की अध्यक्षता वाली टीम द्वारा तैयार किया गया है।

भारत के स्टार्टअप बजट 2022 के लिए अपनी इच्छा सूची के साथ सरकार की पैरवी कर रहे हैं, जो अब सिर्फ एक दिन दूर है। केंद्रीय बजट 2022-23 से ईवी और मोबिलिटी, एडटेक और ईकामर्स सेक्टर क्या मांग रहे हैं। EV और मोबिलिटी स्टार्टअप चाहते हैं कि सरकार अपनी प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को और अधिक समावेशी बनाए और इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर GST को कम करे। पीएलआई योजना के तहत, सरकार कंपनियों को वृद्धिशील बिक्री पर प्रोत्साहन प्रदान करके घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए विनिर्माण इकाइयों की स्थापना या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

कंपनियां यह भी चाहती हैं कि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड ईवी (फेम) II सब्सिडी कार्यक्रम को 2023 से आगे बढ़ाया जाए। वे कम करों की भी मांग कर रहे हैं। जहां एडटेक फर्म इस क्षेत्र के लिए नियमों पर शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलना जारी रखते हैं, वहीं वे छात्रों के लिए ट्यूशन फीस और शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण पहल के लिए छूट के अलावा कर में कटौती की भी मांग कर रहे हैं।

Budget 2022: आम बजट में क्या कुछ हुआ ,कितना है खास और निराश?

इस बार परंपरा में बदलाव और पेपरलेस बजट सबसे लंबा भाषण देने सहित कई रिकॉर्ड बनाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेआज यानि  मंगलवार  को संसद में अपना चौथा आम बजट पेश किया. इस बजट में डिजिटल करेंसी के साथ साथ  पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग से जोड़ने, विदेश यात्रा सुगम बनाने के लिए ई-पासपोर्ट सेवा शुरू करने जैसी कई अहम और बड़ी घोषणाएं हुईं |वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में आम बजट 2022-23 (Union Budget 2022) पेश किया.मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है. बजट में आयकर दरों या स्‍लैब में किसी तरह का रहत  देती सरकार नजर नहीं आ रही है .टैक्‍सपेयर्स को निराशा हाथ लगी है.  आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है बल्की भरने की  अवधि को और बढ़ा दिया गया है . लोगों की यह जानने में भी उत्‍सुकता रही कि बजट में क्‍या महंगा हुआ और जरूरत की किन वस्‍तुओं के लिए अब उन्‍हें ज्‍यादा कीमत चुकानी होगी. बजट के कारण जहां इलेक्‍ट्रॉनिक आइटम्‍स, जवाहरात-आभूषण, घड़‍ियां और कैमिकल्‍स सस्‍ते होंगे, वहीं विदेशी वस्तुए महंगे हो जाएंगे |

आसान शब्दों में समझने की कोशिश किया जाए तो इस बार के बजट में नौकरीपेशा लोगों, किसानों और कारोबारियों को कोई भी बडा सौगात नहीं मिली है. इसमें डिजिटल करेंसी, डिजिटल बैंकिंग यूनिट का बड़ा ऐलान शामिल है. कोरोना काल में स्कूली पढ़ाई लिखाई को पहुंचे नुकसान को देखते हुए सरकार ने डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया है, जो ऑनलाइन एजुकेशन में मदद करेगी. साथ ही 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट भी स्थापित करने की घोषणा की गई  है. हालांकि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं होने लेकिन इसमें सबसे बडी बदलाव के स्तर पर छूट के अवधि को देखा जा रहा है . मध्यमवर्गीय और वेतनभोगियों को फिर मायूसी हाथ लगी है. सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है |

अब दो साल पुराने ITR में अपग्रेड किया जा सकेगा. ड्यूटी घटने से कपड़े, चमड़े, पॉलिश्ड डायमंड, मोबाइल फोन, चार्जर और कृषि उपकरण सस्ते होंगे. सहकारी संस्थाओं पर भी अब कॉरपोरेट टैक्स की तरह 15 फीसदी टैक्स लगेगा. सरकार ने राज्य कर्मियों को NPS में योगदान 14 फीसदी करने की छूट दी है, वही इस बजट में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का ऐलान और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही, इनकम बेस को भी 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की घोषणा की गई है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा.

केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर भारत के तहत गतिशक्ति योजना की जहां लंबी लकीर खींचने की कोशिश की है, वहीं सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में राजधर्म अनुशासन का पालन करने की भी कोशिश की है. उन्होंने अपने डेढ़ घंटे के बजट भाषण के दौरान महाभारत के शांतिपर्व में वर्णित राजधर्म अनुशासन का जिक्र भी किया.शांतिपर्व में कहा गया है |

दापयित्वा करं धर्म्यं राष्ट्रं नित्यं यथाविधि | अशेषान्कल्पयेद्राजा योगक्षेमानतन्द्रितः ।।

अर्थात्, किसी राष्ट्र का राजधर्म किसी भी विधि से जनता का कुशलक्षेम और कल्याण ही है.बता दें कि शान्ति पर्व महाभारत का 12वां पर्व है. इसमें धर्म, दर्शन, राजानीति और अध्यात्म ज्ञान की विशद व्याख्या की गई है. इस पर्व में महाभारत युद्ध के बाद शोकाकुल लोगों को युधिष्ठिर राजधर्म का अनुशासन पढ़ाते हैं. इसी के तहत वह मोक्ष धर्म का भी उपदेश देते हैं.

आम आदमी यानी मिडिल क्लास की उम्मीदें हर बार की तरह इस बार भी टैक्स में राहत मिलने से ही जुड़ी थीं.   लेकिन एक बार फिर से आम  आदमी को इस बजट 2022-23 में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी पीड़ा ज़ाहिर करनी शुरू कर दी है और मीम्स की बाढ़ आ गई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री और नेता इसे आत्मनिर्भर भारत का बजट बता रहे हैं. जानिए, कौन-क्या कह रहा है, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बजट की तारीफ़ करते हुए ट्वीट किया, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 2022-23 का बेहतरीन बजट पेश करने के लिए बधाई. यह एक ऐसा बजट है जो मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देगा, मांग में बढ़ोतरी करेगा और एक मज़बूत, समृद्ध और आत्मविश्वास से परिपूर्ण भारत का निर्माण करेगा.”

वही अमित  शाह  ने कहा है “जीरो बजट खेती, प्राकृतिक खेती, रिवर लिंकिंग, एक स्टेशन-एक उत्पाद और किसान ड्रोन जैसे विभिन्न प्रयास हमारे किसान भाइयों को लाभ देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को आधुनिक व आत्मनिर्भर बनाने के  नरेंद्र  मोदी  जी के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभायेंगे”

 

कांग्रेस पार्टी के  नेता  और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने आम बजट की आलोचना की है. शशि थरूर ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बजट बहुत ही निराशाजनक है और इसमें कुछ भी नहीं है.

शशि थरूर ने कहा, ”मैंने जो भाषण में सुना उसमें न तो मनरेगा की बात है और न ही रक्षा क्षेत्र की. लोग जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनकी बात भी नहीं है. महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है. अभी 25 साल और इंतज़ार करना होगा, अच्छे दिन आने के लिए. गति शक्ति और डिज़िटल करेंसी की बात नारे के अलावा कुछ भी नहीं है.”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर बजट की आलोचना की है. ममता ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”आम आदमी के लिए बजट शून्य है. जो महंगाई और बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए बजट में कुछ नहीं है.”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है कि इस बजट में वेतनभोगी, मध्यमवर्ग, ग़रीब-वंचित, युवा, किसान और छोटे उद्योगों के लिए कुछ नहीं है |

CBI ने NICL के 2 अधिकारियों को भेजा 3 साल के लिए जेल

जयपुर में CBI की विशेष अदालत ने अलग-अलग मामलों में तीन आरोपियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई। एनआईसीएल के दो अधिकारियों को 1.9 करोड़ रुपये की हेराफेरी के लिए तीन साल की सजा और ईपीएफओ के एक पूर्व कर्मचारी को रिश्वत के मामले में दोषी ठहराया गया था। NICL, जयपुर की शिकायत पर पूर्व शाखा प्रबंधक राकेश शर्मा और तत्कालीन वरिष्ठ सहायक भगवती चरण वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दोनों NICL, सीकर राजस्थान में कार्यरत थे।राजस्थान में विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अदालत ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NICL) के दो पूर्व कर्मचारियों को 1.9 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में तीन साल के कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई। अदालत ने आदेश सुनाते हुए पूर्व शाखा प्रबंधक, NICL, सीकर, राकेश शर्मा को 1.5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल का आरआई दिया. तत्कालीन वरिष्ठ सहायक, NICL, सीकर, भगवती चरण वर्मा को भी 2.5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की सजा दी गई थी। ये दोनों एनआईसीएल, सीकर राजस्थान में कार्यरत थे। दोनों ने साजिश रची और एनआईसीएल को 1.9 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

दो कर्मचारी दोषी करार

केंद्रीय एजेंसी ने एनआईसीएल की शिकायत के आधार पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। यह आरोप लगाया गया था कि दोनों ने अगस्त 2008 से मार्च 2012 के दौरान अलग-अलग ग्राहकों से NICL की ओर से एकत्र किए गए बीमा प्रीमियम की अलग-अलग राशियों का धोखाधड़ी से हेराफेरी करने के इरादे से एक साजिश रची थी। आरोपी ने कलेक्शन रजिस्टर और बैंक खातों की प्रविष्टियों में हेराफेरी की और 1.09 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
सीबीआई ने 2013 में जयपुर की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 32 गवाहों से पूछताछ की। ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया और दोषी करार दिया।

EPFO धोखाधड़ी मामला

एक अन्य मामले में जयपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पूर्व सामाजिक सुरक्षा सहायक मनोज कुमार तारानी को रिश्वतखोरी के एक मामले में एक लाख के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. आरोपी के खिलाफ 2017 में शिकायत दर्ज की गई थी और यह आरोप लगाया गया था कि तारानी ने शिकायतकर्ता और विजय स्टोर के छह अन्य कर्मचारियों के पीएफ खातों के व्यक्तिगत विवरण में सुधार करने के लिए 14,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। बाद में आरोपी को पीड़िता से 14,000 रुपये की रिश्वत की मांग करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ 2018 में आरोप तय किए गए और निचली अदालत ने आज उसे दोषी ठहराया।

भारत के पांच राज्यों में बनेंगे 16 नए हवाई अड्डे

भारत के पांच राज्यों में बनेंगे 16 नए हवाई अड्डे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को वस्तुतः पीएम-गति शक्ति सम्मेलन को संबोधित करते हुए जानकारी दी। भारत में इन पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं।

मंत्री ने पीएम-गति शक्ति की सफलता के लिए सभी हितधारकों, विशेष रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच बेहतर एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।”मध्य प्रदेश के रीवा में एक हवाई अड्डा बनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, बिलासपुर और जगदलपुर में भी हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में नौ हवाई अड्डे, राजस्थान में एक और महाराष्ट्र में दो हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। एक लाख किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग पीएम-गति शक्ति के तहत इसे चौड़ा किया जाएगा,” उन्होंने कहा।

 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के माध्यम से मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी विकसित करने के लिए पिछले साल 15 अगस्त को “पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान” लॉन्च किया था। सिंधिया ने कहा कि पीएम गति शक्ति की सफलता देश में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को उत्प्रेरित करेगी, जिससे 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि गति शक्ति
पहल से न केवल देश में अधिक निवेश लाने में मदद मिलेगी, बल्कि बड़े रोजगार सृजित करने में भी मदद मिलेगी।

पीएम गति शक्ति सभी राज्य सरकारों सहित राष्ट्रव्यापी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना और समन्वित निष्पादन के लिए रेलवे, रोडवेज, जलमार्ग और विमानन सहित सभी प्रमुख बुनियादी ढांचा मंत्रालयों की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तालमेल के उद्देश्य से एक पहल है। यह क्षेत्रीय सम्मेलन केंद्र में स्थित राज्यों को एकीकृत योजना और राष्ट्र के समग्र विकास और विकास के लिए बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए बोर्ड में शामिल होने में मदद करेगा।

सिंधिया ने जोर देकर कहा कि पीएम-गति शक्ति जिसकी लागत 100 लाख करोड़ रुपये होगी, वास्तव में भारत को एक वैश्विक महाशक्ति में बदलने का अभियान है। यह ऐतिहासिक मील का पत्थर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समन्वित प्रयास से हासिल किया जाएगा। इसे संभव बनाने के लिए केंद्र सरकार के 16 मंत्रालय मिलकर काम करेंगे। इस योजना में मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी, आर्थिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र, कार्गो क्षेत्र और स्मार्ट शहरों की परिकल्पना की गई है,
जिससे देश में उत्पादन, परिवहन, मांग और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। सिंधिया ने यह भी कहा कि पिछले 70 वर्षों में केवल 74 हवाई अड्डे बनाए गए थे, अब पिछले सात वर्षों में 66 और हवाई अड्डे काम कर रहे हैं और भारत में अब तक कुल 140 हवाई अड्डे हैं।आज पीएम-गति शक्ति सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सिंधिया ने कहा, “पीएम गति शक्ति की सफलता देश में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को उत्प्रेरित करेगी, जिससे 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्थाओं के दृष्टिकोण को साकार किया जाएगा। गति शक्ति पहल न केवल लाने में मदद करेगी। देश में अधिक निवेश लेकिन महान रोजगार पैदा करने में भी मदद करता है।”

उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों सहित दुनिया के कई देशों ने पिछले 70 वर्षों में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया है और ये सभी अब विकसित देश बन गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों सहित दुनिया के कई देशों ने पिछले 70 वर्षों में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया है और ये सभी अब विकसित देश बन गए हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में, पीएम-गति शक्ति भारत को दुनिया की एक महाशक्ति बनाने के लिए, बेहतरीन बुनियादी ढांचे के कौशल के साथ एक महान पहल है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में विकास योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन को लेकर कोई संकल्प नहीं था, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है।

मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में जहां 10 साल में सिर्फ एक एम्स बना था, वहीं अब मौजूदा सरकार के शासन में पिछले सात साल में 15 एम्स बन गए हैं।उन्होंने आगे कहा कि इस अवधि के दौरान बंदरगाहों में कार्गो क्षमता 1280 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 1760 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है। इसके अलावा, उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम-गति शक्ति जिसकी लागत ₹100 लाख करोड़ होगी, वास्तव में भारत को एक वैश्विक महाशक्ति में बदलने का एक अभियान है।

 

इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बनाने के लिए आप भी करें इन सब्जियां का सेवन

नई दिल्ली। एक बार फिर कोरोना वायरस की नए वेरिएंट ने दुनियाभर में सभी की चिंता बढ़ा दी है। ओमिक्रॉन के आने से भारत में भी तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस संक्रमण से बचने के लिए एक्सपर्ट्स कोविड से जुड़ी सावधानियों को बरतने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को मज़बूत करने की सलाह दे रहे हैं। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां आपकी पसंदीदा हों या न हों, इन्हें सर्दियों में डाइट में ज़रूर शामिल करें। यह न सिर्फ कई तरह के पोषण तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि इम्यूनिटी को बढ़ावा भी देती हैं, ताकि हमारा शरीर किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ सके।

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.विटामिन-सी, ए, ज़िंक, आयरन से भरपूर पालक में कई एंटीऑक्सिडेंट्स और बीटा कैरोटीन भी शामिल होते हैं। विटामिन-सी और बीटा कैरोटीन दोनों ही हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बीमारियों से लड़ने की ताक़त देते हैं। यही वजह है कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पालक के सेवन की सलाह दी जाती है। पालक को पकाते समय थोड़ा कच्चा ही रखें, इससे आपको अधिक फायदा पहुंचेगा।

.ब्रोकली को सुपरफूड माना जाता है, क्योंकि यह सब्ज़ी विटामिन ए, के, सी, फोलेट और फाइबर जैसे तत्वों का भंडार है। ब्रोकली इम्युनिटी मज़बूत करने का भी काम करती है। डाइट में ब्रोकली को शामिल करने से शरीर में बीटा-कैरोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो इम्यून सेल्स और कैंसर से लड़ने वाली कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होते है।

.फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी से भरपूर शिमला मिर्च भी इम्यूनिटी को मज़बूत करने में फायदेमंद साबित होती है। एक कप कटी हुई शिमला मिर्च में भरपूर विटामिन-सी होता है। शिमला मिर्च को आप सब्ज़ी, पुलाव, या फिर सलाद की तरह खा सकते हैं।

 

Union Budget 2022 क्या कुछ खास लेकर आ रहा है 2022 का बजट?

वित्त मंत्री के तौर पर ये निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट पेश होगा।

देश का आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यानी आज बजट पेश करने वाली है। वित्त मंत्री के तौर पर ये निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट पेश होगा। कोरोना महामारी की बढ़ती तीसरी लहर और बढ़ती महंगाई के मार के बीच लोग विभिन्न भी बात की जा रही है। पिछले वित्त वर्ष में बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इस बार ऐसे में उम्मीद है कि सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।  इसके अलावा स्वास्थ्य, स्टॉक मार्केट हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमोबाइल सेक्टर, रक्षा और एमएसएमई सेक्टर समेत अन्य क्षेत्रों के लिए कोरोनावायरस में बड़ी घोषणा और राहत पैकेज का ऐलान किया जा सकता है। बजट 2022 से कौन-कौन सी प्रमुख उम्मीदें जताई जा रही हैं, आइए जानते हैं।

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  1. वर्क फ्रॉम होम अलाउंस टैक्स छूट: कोरोना के वजह से ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक करंट, इंटरनेट चार्ज, फर्नीचर, किराया और आदि पर खर्चा बढ़ गया है। ऐसे में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ने वर्क फ्रॉम होम के तहत घर पर काम करते करने वाले को टैक्स छूट करने का सुझाव दिया है।  ऐसे में उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस पर बड़ा ऐलान कर सकती हैं।
  2. ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मिलेगी राहत: ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी बजट से कुछ उम्मीदें हैं। दरअसल दो दशकों से घरेलू ऑटोमोबाइल सेक्टर सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश के कुल जीडीपी में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का योगदान 7.5 प्रतिशत है जबकि यह प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 10 लाख लोगों को काम देता है। इस सेक्टर को नए निवेश के लिए तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहन चाहिए। ऑटोमोबाइल सेक्टर ईवीएस के पक्ष में है यह चाहता है, कि कम बजट में ब्याज ईवी को ज्यादा चूस करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऑटोमोबाइल के इस क्षेत्र की तरफ से अपने बजट के मांगों को लेकर वित्त मंत्री को सुझाव सौपे गए हैं।
  3. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर: हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र उन सेक्टर में शामिल है जिस पर महामारी का सबसे ज्यादा असर दिखा है। इस प्रमुख महामारी के प्रकोप का खामियाजा भुगतने के लिए हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को बजट 2022 में बहाल जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट देख रहा है। वही हॉस्पिटैलिटी सेक्टर रेस्टोरेंट्स व्यवसाय को नए लोक डाउन से बचने के लिए एक सिस्टम चाहता है।
  4. स्टॉक मार्केट की ओर से यह मांग: स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म को भी बड़ी उम्मीदें हैं इस बजट पर टिकी है। वे प्रतिभूति लेनदेन कर में कमी चाहते हैं । शेयर बाजार से विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स बंद कर देना चाहिए या उसमें कमी करना चाहिए।
  5. किसानों को बजट क्या चाहिए: किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता राशि में बढ़ोतरी की जा सकती है। इस योजना के जरिए किसानों को अभी है 6 हजार रुपए वार्षिक रकम दी जाती है। इस योजना की राशि को बढ़ाने का ऐलान हो सकता है, इस राशि को बढ़ाकर 8 हजार किया जा सकता है।
  6. हेल्थ केयर क्षेत्र को आवंटन बढ़ने की उम्मीद: फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को मद्देनजर रखकर सरकार की तरफ से इस बार के बजट में हेल्थ सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। पिछले बजट में हेल्थ केयर सेक्टर पर सरकार ने आवंटित बजट को 3 गुना करते हुए 2,23,846 करोड़ कर दिया था। इस दौर में बजट में हेल्थ केयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके साथ ही व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सिंपल करने की मांग भी रखी गई है। सूत्रों के  मुताबिक कोरोना से बचाव को वैक्सीन के लिए बनाए गए फंड को इस बार भी जारी रखें जाने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।
  1. एमएसएमई बजट से बड़ी उम्मीदें: एमएसएमई सेक्टर की मांग है कि जीएसटी की दरों को इस सेक्टर के लिए उपयुक्त बनाया जाए और साथी इस सेक्टर के लिए टैक्स की दरों को कम किया जाए। उत्पादन में गिरावट, राजस्व में कटौती, नौकरियों में कमी जैसी कई समस्याओं का सामना इस सेक्टर को पिछले 2 सालों में करना पड़ा है। ऐसे में सेक्टर की सबसे बड़ी मांगे हैं कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों पर एक बार फिर विचार किया जाना चाहिए।
  1. किफायती घर खरीदारों को राहत: सरकार बजट 2022 में सूत्रों का कहना है, कि अफॉर्डेबल हाउसिंग के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त छूट को 1 साल के लिए और बढ़ा सकती है।
  1. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उम्मीदें: सरकार आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद- बिक्री को कर के दायरे में लाने पर विचार विमर्श कर सकती है।
  1. विमानन उद्योग को लेकर संभावना: विमानन उद्योग कम से कम 2 साल के लिए कर छूट और न्यूनतम वैकल्पिक कर के निलंबन की उम्मीद कर रहा है। इसके साथ ही, महामारी प्रभावित एयरलाइंस भी न्यूनतम वैकल्पिक कर को निलंबित करना चाहता है। विमानन क्षेत्र को भी कोरोना महामारी ने भारी नुकसान पहुंचाया है।