वित्त मंत्री के तौर पर ये निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट पेश होगा।
देश का आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यानी आज बजट पेश करने वाली है। वित्त मंत्री के तौर पर ये निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट पेश होगा। कोरोना महामारी की बढ़ती तीसरी लहर और बढ़ती महंगाई के मार के बीच लोग विभिन्न भी बात की जा रही है। पिछले वित्त वर्ष में बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इस बार ऐसे में उम्मीद है कि सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। इसके अलावा स्वास्थ्य, स्टॉक मार्केट हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमोबाइल सेक्टर, रक्षा और एमएसएमई सेक्टर समेत अन्य क्षेत्रों के लिए कोरोनावायरस में बड़ी घोषणा और राहत पैकेज का ऐलान किया जा सकता है। बजट 2022 से कौन-कौन सी प्रमुख उम्मीदें जताई जा रही हैं, आइए जानते हैं।
- वर्क फ्रॉम होम अलाउंस टैक्स छूट: कोरोना के वजह से ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक करंट, इंटरनेट चार्ज, फर्नीचर, किराया और आदि पर खर्चा बढ़ गया है। ऐसे में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ने वर्क फ्रॉम होम के तहत घर पर काम करते करने वाले को टैक्स छूट करने का सुझाव दिया है। ऐसे में उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस पर बड़ा ऐलान कर सकती हैं।
- ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मिलेगी राहत: ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी बजट से कुछ उम्मीदें हैं। दरअसल दो दशकों से घरेलू ऑटोमोबाइल सेक्टर सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश के कुल जीडीपी में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का योगदान 7.5 प्रतिशत है जबकि यह प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 10 लाख लोगों को काम देता है। इस सेक्टर को नए निवेश के लिए तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहन चाहिए। ऑटोमोबाइल सेक्टर ईवीएस के पक्ष में है यह चाहता है, कि कम बजट में ब्याज ईवी को ज्यादा चूस करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऑटोमोबाइल के इस क्षेत्र की तरफ से अपने बजट के मांगों को लेकर वित्त मंत्री को सुझाव सौपे गए हैं।
- हॉस्पिटैलिटी सेक्टर: हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र उन सेक्टर में शामिल है जिस पर महामारी का सबसे ज्यादा असर दिखा है। इस प्रमुख महामारी के प्रकोप का खामियाजा भुगतने के लिए हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को बजट 2022 में बहाल जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट देख रहा है। वही हॉस्पिटैलिटी सेक्टर रेस्टोरेंट्स व्यवसाय को नए लोक डाउन से बचने के लिए एक सिस्टम चाहता है।
- स्टॉक मार्केट की ओर से यह मांग: स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म को भी बड़ी उम्मीदें हैं इस बजट पर टिकी है। वे प्रतिभूति लेनदेन कर में कमी चाहते हैं । शेयर बाजार से विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स बंद कर देना चाहिए या उसमें कमी करना चाहिए।
- किसानों को बजट क्या चाहिए: किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता राशि में बढ़ोतरी की जा सकती है। इस योजना के जरिए किसानों को अभी है 6 हजार रुपए वार्षिक रकम दी जाती है। इस योजना की राशि को बढ़ाने का ऐलान हो सकता है, इस राशि को बढ़ाकर 8 हजार किया जा सकता है।
- हेल्थ केयर क्षेत्र को आवंटन बढ़ने की उम्मीद: फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को मद्देनजर रखकर सरकार की तरफ से इस बार के बजट में हेल्थ सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। पिछले बजट में हेल्थ केयर सेक्टर पर सरकार ने आवंटित बजट को 3 गुना करते हुए 2,23,846 करोड़ कर दिया था। इस दौर में बजट में हेल्थ केयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके साथ ही व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सिंपल करने की मांग भी रखी गई है। सूत्रों के मुताबिक कोरोना से बचाव को वैक्सीन के लिए बनाए गए फंड को इस बार भी जारी रखें जाने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।
- एमएसएमई बजट से बड़ी उम्मीदें: एमएसएमई सेक्टर की मांग है कि जीएसटी की दरों को इस सेक्टर के लिए उपयुक्त बनाया जाए और साथी इस सेक्टर के लिए टैक्स की दरों को कम किया जाए। उत्पादन में गिरावट, राजस्व में कटौती, नौकरियों में कमी जैसी कई समस्याओं का सामना इस सेक्टर को पिछले 2 सालों में करना पड़ा है। ऐसे में सेक्टर की सबसे बड़ी मांगे हैं कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों पर एक बार फिर विचार किया जाना चाहिए।
- किफायती घर खरीदारों को राहत: सरकार बजट 2022 में सूत्रों का कहना है, कि अफॉर्डेबल हाउसिंग के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त छूट को 1 साल के लिए और बढ़ा सकती है।
- क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उम्मीदें: सरकार आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद- बिक्री को कर के दायरे में लाने पर विचार विमर्श कर सकती है।
- विमानन उद्योग को लेकर संभावना: विमानन उद्योग कम से कम 2 साल के लिए कर छूट और न्यूनतम वैकल्पिक कर के निलंबन की उम्मीद कर रहा है। इसके साथ ही, महामारी प्रभावित एयरलाइंस भी न्यूनतम वैकल्पिक कर को निलंबित करना चाहता है। विमानन क्षेत्र को भी कोरोना महामारी ने भारी नुकसान पहुंचाया है।