नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस बैठक में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और जापानी विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा भाग लेंगे विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक में कहा कि चारों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं, अब क्वाड में भी हमारे रिश्ते मजबूत होना चाहिए। बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा कि हम ऐसा एजेंडा बना रहे हैं जयशंकर ने कहा, ”हम इंडो-पैसिफिक में व्यापक समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अधिक विश्वसनीय और लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया। सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर हैं। बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है। भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की, क्योंकि यह इस बात का हिस्सा था कि हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है। इस बारे में हमने एक दूसरे को जानकारी दी। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें बहुत से देश वैध रूप से रुचि लेते हैं, खासकर यदि वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से हैं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका व चिंताओं के बावजूद अमेरिका का ध्यान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक हितों पर केंद्रित है। वे इस समय ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हैं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कोविड के इस बहुत कठिन दौर में भी दोनों देशों के बीच लगातार बहुत सी चर्चाएं हमारे संबंधों में आए बड़े परिवर्तन को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, ”मैं ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत करता हूं, जिससे उन लोगों की मदद मिलेगी जो भारत में वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, विशेष रूप से छात्रों और अस्थायी वीजा धारकों को। इस कदम की सराहना की जानी चाहिए। जयशंकर ने कहा, ‘सितंबर में ऑस्ट्रेलिया, जापान और हमारे देश के पीएम और राष्ट्रपति जो बाइडन ने सामूहिक रूप से हमें मार्गदर्शन दिया था। उन्होंने क्वाड के लिए एक विजन पेश किया। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सब काम में जुटे हुए हैं। मुझे लगता है कि आज की बैठक हमें यह समीक्षा करने का अवसर देती है कि हमने उस पर कितनी प्रगति की है। मुझे लगता है कि क्वाड ने बहुत अच्छा काम किया है। हमारे द्विपक्षीय संबंध बहुत मजबूत रहे हैं