Friday, March 29, 2024
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क्या तालिबान करेगा भारत पर ड्रग्स अटैक?

तालिबान भारत पर ड्रग्स अटैक कर सकता है! नार्को टेरर, इसकी चर्चा दिल्ली ही नहीं पूरे देश में हो रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब 1200 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए हैं। इसे देश में अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है। इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स भारत कैसे पहुंचा और इसका मकसद क्या था। इसकी सच्चाई भी काफी हैरान करने वाली है। इस ड्रग्स को बेचकर इससे आने वाले पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाना था। स्पेशल सेल का दावा है कि यह नार्को टेररिज्म से जुड़ा मामला है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया है। यह दोनों 2016 से ही रिफ्यूजी बनकर रह रहे थे। इनकी ओर से यूज किए जाने कोडवर्ड भी हैरान करने वाले हैं। नार्को टेररिज्म का यह पूरा नेटवर्क बेहद ही खतरनाक है।

मुस्तफा और रहीम को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ा है। इसमें एक काबुल का निवासी है जबकि दूसरा कांधार का रहने वाला है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक दोनों अफगानी भारत में 6 साल से रिफ्यूजी बनकर रह रहे थे। यह दोनों यूएनएचआरसी (यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट काउंसिल) से रिफ्यूजी कार्ड की समयसीमा बढ़वा लिया करते थे। किसी को शक न हो इसके लिए ड्रग्स की सप्लाई के लिए महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था। स्पेशल सेल ने इनकी निशादेही पर दिल्ली और लखनऊ से 312.5 kg ड्रग मेथामफेटामाइन और 10 किलो हेरोइन बरामद हुई है।

मेथामफेटामाइन जिसे पार्टी ड्रग भी कहा जाता है। अफगानिस्तान इस ड्रग्स का गढ़ बन चुका है। अफगानिस्तान से इसे भारत तक ले आने के लिए खास नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा था। मेथामफेटामाइन को अफगानिस्तान से भारत लाने के लिए सिंडिकेट से जुड़े पैडलर पहले ईरान जाते और उसके बाद वहां से समुद्री मार्ग के जरिए भारत में एंट्री करते। इस नेटवर्क के तार तुर्की, पुर्तगाल और पाकिस्तान से भी जुड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गृह मंत्रालय के आदेश के बाद आतंक विरोधी रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत यह बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हाल ही में नार्को टेररिज्म को यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज की रिपोर्ट के अनुसार मेथामफेटामाइन बेहद पावरफुल एडिक्टिव ड्रग है। मेथामफेटामाइन का सीधा असर ब्रेन पर होता है। शरीर के अंदर पहुंचकर ब्रेन में नेचुरल केमिकल डोपामाइन की मात्रा को बढ़ा देता है। डोपामाइन के रिलीज होते ही बॉडी का एनर्जी लेवल काफी बढ़ जाता है और इसे लेने वाला खुशी महसूस करता है। यह नेचुरल तरीके से भी रिलीज होता है लेकिन ड्रग इसकी मात्रा को बढ़ा देता है।मेथामफेटामाइन जिसे पार्टी ड्रग भी कहा जाता है। अफगानिस्तान इस ड्रग्स का गढ़ बन चुका है। अफगानिस्तान से इसे भारत तक ले आने के लिए खास नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा था। मेथामफेटामाइन को अफगानिस्तान से भारत लाने के लिए सिंडिकेट से जुड़े पैडलर पहले ईरान जाते और उसके बाद वहां से समुद्री मार्ग के जरिए भारत में एंट्री करते। इस नेटवर्क के तार तुर्की, पुर्तगाल और पाकिस्तान से भी जुड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गृह मंत्रालय के आदेश के बाद आतंक विरोधी रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत यह बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हाल ही में नार्को टेररिज्म को यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मेथामफेटामाइन की खोज 1893 में हुई थी। क्रिस्टल मेथामफेटामाइन कांच के टुकड़े जैसा चमकदार दिखता है। इसका असर 8 से 10 घंटे तक रहता है। टिक टॉक स्टार और बीजेपी नेता सोनाली फोगाट की मौत के बाद भी मेथामफेटामाइन की खूब चर्चा हुई। सोनाली फोगाट को ड्रिंक में यही मिलाकर दिया गया था।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज की रिपोर्ट के अनुसार मेथामफेटामाइन बेहद पावरफुल एडिक्टिव ड्रग है। मेथामफेटामाइन का सीधा असर ब्रेन पर होता है। शरीर के अंदर पहुंचकर ब्रेन में नेचुरल केमिकल डोपामाइन की मात्रा को बढ़ा देता है। डोपामाइन के रिलीज होते ही बॉडी का एनर्जी लेवल काफी बढ़ जाता है और इसे लेने वाला खुशी महसूस करता है। यह नेचुरल तरीके से भी रिलीज होता है लेकिन ड्रग इसकी मात्रा को बढ़ा देता है।मेथामफेटामाइन जिसे पार्टी ड्रग भी कहा जाता है। इस नेटवर्क के तार तुर्की, पुर्तगाल और पाकिस्तान से भी जुड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गृह मंत्रालय के आदेश के बाद आतंक विरोधी रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत यह बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हाल ही में नार्को टेररिज्म को यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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