Sunday, May 19, 2024
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क्या अब मायावती दे सकती है अच्छे-अच्छे नेताओं को टक्कर?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या मायावती अच्छे-अच्छे नेताओं को टक्कर दे सकती है या नहीं! उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का माहौल गरमा रहा है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी पूरे जोर-शोर के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है। वहीं विपक्ष की ओर से चुनावी प्रचार अभियान का ठीक से आगाज नहीं हो सका है। उम्मीदवारों के स्तर पर ही अभी तक विपक्षी दल क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान को आगे बढ़ाते दिख रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता पीएम नरेंद्र मोदी पिछले दिनों मेरठ से प्रचार अभियान का आगाज कर चुके हैं। वहीं, शनिवार को प्रधानमंत्री गाजियाबाद में रोड शो के जरिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने की कोशिश करते दिखेंगे। भाजपा के मुकाबले में समाजवादी पार्टी यूपी में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर खड़ी दिखती है। लेकिन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उस स्तर पर प्रचार अभियान को नहीं ले जा सके हैं, जिस स्तर पर भाजपा का अभियान चल रहा है। बहुजन समाज पार्टी इस बार चुनावी मैदान में अलग ही तेवर और कलेवर के साथ उतरी है। पार्टी ने सवर्ण, दलित और अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने के लिए बड़े पैमाने पर इन वर्गों में टिकट का वितरण किया है। अब पार्टी के युवा चेहरे और पार्टी सुप्रीमो मायावती के घोषित उत्तराधिकारी आकाश आनंद लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का आगाज कर रहे हैं। शनिवार को आकाश आनंद नगीना लोकसभा सीट से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। नगीना लोकसभा सीट बहुजन समाज पार्टी के लिए अहम माना जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के गिरीश चंद्र ने नगीना सीट पर बसपा का पताका लहराया था। मोदी- योगी लहर के बावजूद इस सीट पर सपा- बसपा गठबंधन को जीत मिली थी। हालांकि, इस बार बसपा ने नगीना सीट पर उम्मीदवार बदला है। सुरेंद्र पाल को चुनावी मैदान में उतर गया है। वहीं, भाजपा ने ओम कुमार को उम्मीदवार घोषित किया है। इन सब के बीच भीम आर्मी प्रमुख एवं आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण भी नगीना सीट से उम्मीदवार हैं। चंद्रशेखर खुद को काशीराम की राजनीति का असली वारिस बताते रहे हैं। वे दलितों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाकर प्रदेश में बसपा के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश करते दिखे हैं। हालांकि, उन्हें अभी तक उस स्तर पर सफलता नहीं मिली है। ऐसे में बसपा ने नगीना सीट से अपने युवा चेहरे आकाश आनंद को चुनावी प्रचार मैदान में उतार कर एक तरह से चंद्रशेखर को सीधे तौर पर चुनौती दे दी है। पूरी लड़ाई दलित वोट बैंक को अपने पाले में रखने की मानी जा रही है।

मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बसपा में अन्य राज्यों का प्रभारी बनाया गया है। यूपी और उत्तराखंड की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी मायावती ने अपने हाथों में रखी है। हालांकि, मायावती यूपी के बेस को भी मजबूत करना चाहती हैं। मोदी-योगी की फ्री राशन स्कीम ने दलित वोट बैंक को अपने पाले में लाने में बड़ी भूमिका निभाई है। ऐसे में मायावती आकाश आनंद के जरिए युवा दलित- अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की कोशिश करती दिख रही हैं। युवाओं के जरिए दलित समाज के बीच कांशीराम की आबादी के अनुसार शासन में भागीदारी के नारे को एक बार फिट करने की कोशिश हो रही है। विदेश से पढ़ाई करके आए आकाश आनंद को दलितों का यूथ आइकन के रूप में पेश करने की कोशिश यूपी के चुनावी मैदान में हो रहा है।

मायावती बढ़ती उम्र को लेकर यूपी चुनाव 2022 के दौरान भी अधिक सक्रिय नहीं दिख पाई थीं। पार्टी के प्रमुख नेता के चुनावी मैदान से नदारद रहने के कारण यूपी में बसपा का वोट शेयर गिरा है। बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद के जरिए पार्टी एक बार फिर अपने कोर वोट बैंक पर पकड़ बनाने की कोशिश में है। शनिवार को आकाश बिजनौर की नगीना सीट में जनसभा के जरिए आकाश आनंद लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी के अभियान का आगाज करेंगे। यह उनकी यूपी में पहली रैली होगी। इस कारण सबकी निगाह आकाश आनंद पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि आकाश इस बार ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 से आकाश आनंद यूपी में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे, इस प्रकार की संभावना पार्टी के नेता भी जता रहे हैं। नगीना के बाद 7 अप्रैल को खुर्जा और बुलंदशहर में आकाश की दो रैलियां होंगी। 8 अप्रैल को बरेली, 11 अप्रैल को मथुरा और आगरा की सभाओं में आकाश आनंद दिखेंगे। इसके बाद आकाश आनंद 12 अप्रैल को दक्षिण भारत के दौरे पर रहेंगे। 13 अप्रैल को अलीगढ़ और हाथरस, 17 अप्रैल को सहारनपुर में सभा करेंगे। वह मई तक करीब 25 रैलियां करेंगे।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के करीब आठ दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती भी चुनावी मैदान में उतरेंगी। मायावती का चुनावी प्रचार अभियान अमूमन इसी प्रकार से चलता है। वह आखिरी समय में चुनावी मैदान में उतर कर बाजी पलटने में माहिर रही हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय में चुनावी राजनीति में हुए बदलावों ने उनकी रणनीति को कमजोर किया है। दावा किया जा रहा है कि मायावती 11 अप्रैल से अपनी सभाओं की शुरुआत करेंगी। इसके बाद वह यूपी और अन्य प्रदेशों में भी जनसभा करती दिखेंगी। उनके 22 अप्रैल को गौतमबुद्ध नगर के चुनावी मैदान में भी उतरने का कार्यक्रम है। हालांकि, पहले उनके नगीना सीट से ही चुनावी प्रचार में उतरने का दावा था, लेकिन पार्टी की ओर से अब केवल आकाश आनंद का कार्यक्रम होने की बात सामने आई है।

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