Sunday, May 19, 2024
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मई में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा के लिए कैसे करवाया जाए रजिस्ट्रेशन?

आज हम आपको बताएंगे कि मई में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करवाया जाए! उत्तराखंड में महत्वपूर्ण चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है। केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा की शुरुआत 10 मई से होगी। 10 मई को केदारनाथ धाम के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी। 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी। इसी के साथ चारों धाम तक तीर्थयात्री पहुंच सकेंगे। इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। चार धाम यात्रा के लिए बर्फ को हटाया जा रहा है। धामों तक पहुंच पथ का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, यात्रा को लेकर उत्तराखंड के सरकार की वेबसाइट को एक्टिवेट किया गया है। यहां से तीर्थयात्री ग्रीन पास ले सकते हैं। इसके अलावा ऑफलाइन पास की भी व्यवस्था की गई है। बिना पास के चार धाम यात्रा करना संभव नहीं हो सकेगा। चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्री अलग- अलग देवी- देवताओं की अराधना करते हैं। केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यहां भगवान शिव की पूजा की जाती है। वहीं, बद्रीनाथ धाम में भगवान बदरी यानी विष्णु की पूजा होती है। गंगोत्री धाम गंगा माता के उद्गम और यमुनोत्री माता यमुना के उद्गम के तौर पर पूजा जाता है। सनातन धर्म में चार धाम का अलग ही महत्व है। हिमालय की चोटियों के बीच स्थित चारों धाम को सनातन मान्यता के अनुसार मोक्ष स्थल माना जाता है। चार धाम यात्रा को मोक्ष प्राप्ति के लिए एक बड़े कदम के रूप में माना जाता है। चार धाम की यात्रा से मन को शांति मिलती है। यही वजह है कि हर साल लाखों तीर्थयात्री चार धाम की यात्रा के लिए पहुंचते हैं। चार धाम उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, चार धाम की यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर की जाती है। यमुनोत्री से यात्रा की शुरुआत कर गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ तक की यात्रा कर सकते हैं।

चार धाम की यात्रा आप सड़क मार्ग या हेलिकॉप्टर से कर सकते हैं। यह यात्रा दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से शुरू की जा सकती है। चार धाम की यात्रा के लिए बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। चार धाम यात्रियों के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या पासपोर्ट जैसे आवश्यक दस्तावेज को पास में रखना जरूरी है। चार धाम यात्रियों की सुविधा के लिए डीलक्स और बजट आवास की सुविधा मिलती है। हेलिकॉप्टर की बुकिंग आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। इसके अलावा चलने में असमर्थ लोगों के लिए पालकी, घोड़ा और पिट्‌ठू की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। तीर्थयात्रियेां को जैकेट, दस्तानेद्व स्वेटर, ऊनी मोजे और रेनकोट रखना जरूरी है। ग्रिप वाले आरामदायक जूते पहनने की सलाह तीर्थयात्रा के दौरान दी जाती है।

चार धाम की यात्रा सड़क मार्ग के जरिए दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से शुरू की जा सकती है। ट्रेन से आप हरिद्वार तक पहुंच सकते हैं। हरिद्वार स्टेशन दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों से सीधा जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम और निजी ट्रांसपोर्टर की बसें आपका इन तीर्थस्थलों तक पहुंचा सकती है। देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से टैक्सी के जरिए भी आप इन तीर्थस्थलों तक पहुंच सकते हैं। हरिद्वार स्टेशन पर उतरने के बाद चार धाम यात्रा को पूरा करने के लिए ऋषीकेश हाते हुए बरकोट, जानकी चट्टी से यमुनोत्री पहुंच सकते हैं। वहां से उत्तरकाशी, हरसिल होते हुए गंगोत्री तक जा सकते हैं। इसके बाद घनसाली, अगस्तमुनि, गुप्तकाशी होते केदारनाथ पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ धाम की यात्रा के बाद चमोली गोपेश्वर से गोविंद घाट होते बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं। बद्रीनाथ में चार धाम की यात्रा पूरी कर आप जोशीमठ से ऋषिकेश होते हरिद्वार पहुंच सकते हैं।

देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से चार धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलिकॉप्टर के जरिए देहरादून से खरसाली तक पहुंचा जा सकता है। यह यमुनोत्री मंदिर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं, गंगोत्री मंदिर जाने के लिए निकटतम हेलीपैड हरसिल में है। यह गंगोत्री धाम से 25 किलोमीटर दूर है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम मंदिर के पास ही हेलिपैड का निर्माण किया गया है। चार धाम यात्रा के लिए सेरसी, फाटा और गुप्तकाशी से भी हेलिकॉप्टर सेवाएं मिलती हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से बुकिंग कर सकते हैं।

चार धाम की यात्रा के लिए बारिश के सीजन से पहले और बाद का समय काफी बेहतर है। इस वर्ष आप मई-जून और सितंबर-अक्टूबर में बेहतर माहौल में यात्रा कर सकते हैं। वैसे बारिश के समय में मौसम विभाग की ओर से खतरे का अलर्ट बार- बार जारी किया जाता है। उस समय यात्रा करने वालों को मौसम विभाग के अलर्ट का विशेष रूप से ख्याल रखने की जरूरत होती है।

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