Saturday, July 27, 2024
HomeIndian Newsझीलों और झरनों का देखना अगर आपको भी हैं पसंद, तो आज...

झीलों और झरनों का देखना अगर आपको भी हैं पसंद, तो आज की प्लान करें हिमाचल के मंडी शहर जाने का

नई दिल्ली। आज हम बात करे रहे है घूमने को लेकर तो ऐसे में हिमाचल की कौन सी जगह है सबसे बेस्ट, जहां घूमने के भी ढेरों ऑप्शन मिलेंगे। इस लिस्ट में मंडी जरूर शामिल रहता है। जहां खूबसूरत नजारों के साथ ऐसी कई झीलें हैं जिनकी अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं और सबसे अच्छी बात कि इन्हें देखकर यहां कुछ पत बिताकर आपका दिल खुश हो जाएगा।

गर्मियों की छुट्टियों में जरूर करें भारत के इन 7 झरनों की सैर - waterfalls  in india you need to explore this summer-mobile

1- रिवालसर झील- मंडी से लगभग 23 किलोमीटर की दूर स्थित रिवालसर झील हिंदू, बौद्ध और सिख का साझा तीर्थस्थल है। समुद्रतल से 1360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील तैरने वाले टापुओं के लिए भी प्रसिद्ध है। जो कई तरह के निर्माण कार्यों और जलवायु में परिवर्तन के चलते अब दिखाई नहीं देते। झील के साथ ही चिड़ियाघर भी है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

2- कुंतभयो झील- यह रिवालसर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके पानी का नीला-हरा रंग बरबस ही आपको अपनी ओर खींच लेगा। झील के बारे में कहा जाता है कि जब माता कुंती को प्यास लगी थी, तो अर्जुन के बाण से निकली धारा ने उनकी प्यास बुझाई थी। फिर उस धारा ने धीरे-धीरे एक झील का रूप धारण कर लिया था। इस झील को नजदीक से देखना एक अद्भुत एहसास है। झील से लगभग एक किलोमीटर दूर सड़क के किनारे की छोटी पहाड़ी पर गुफाएं हैं, जो बौद्ध भिक्षुओं की साधना का पवित्र स्थल है। यहां के शांत वातावरण में कुछ पल बिताना एक अलग ही अनुभव होता है।

3- पराशर झील- मंडी से 49 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पूर्व दिशा में बसी यह झील पराशर ऋषि को समर्पित है। माना जाता है कि उसकी उत्पत्ति पराशर ऋषि द्वारा जमीन पर अपना गुर्ज दे मारने से हुई थी। जमीन के अंदर गुर्ज पहुंचते ही पानी की धारा प्रस्फुटित हुई और देखते ही देखते इस जलधारा ने झील का रूप धारण कर लिया। झील के मध्य तैरने वाले वृत्ताकार भूखंड की मौजूदगी झील की खूबसूरती को और भी बढ़ा देती है। झील के साथ बना है पराशर ऋषि का तीन मंजिला सुंदर मंदिर। यहां एक विश्रामगृह भी है, जहां रूककर आप इन हसीन वादियों का लुत्फ ले सकते हैं।

4- कमरूनाग झील- यह झील मंडी-करसोग सड़क के साथ मंडी से 68 किलोमीटर दूर है। इस झील की खास बात यह है कि लोग मन्नत पूरी होने और देवता के दर्शन के बाद इसमें सोना, चांदी, सिक्के व नोट फेंकते हैं। यह रीत सदियों से है। मंडी-करसोग सड़क मार्ग पर रोहांडा से 6 किलोमीटर की पैदल खड़ी चढ़ाई के बाद खूबसूरत झील के दर्शन होते हैं। यह झील देव कमरूनाग को समर्पित है। माना जाता है कि देव कमरूनाग अगले जन्म में बलशाली राजा रत्न यक्ष के रूप में अवतरित हुए थे।

5- सुंदरनगर झील- यह कृत्रिम लेकिन बेहद खूबसूरत झील है, जो बीबीएमबी प्रोजक्ट द्वारा निर्मित पंडोह बांध से सुरंग द्वारा लाए गए व्यास नदी के पानी के कारण बनी है। इसका अपना ही एक आकर्षण है। यह मंडी से 25 किलोमीटर की दूरी पर चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे-21 के साथ सुंदरनगर में स्थित है। इस झील से 990 मैगावाट बिजली का उत्पादन होता है। दो किलोमीटर के घेरे में सिमटी इस झील को निहारना जैसे दिनभर की थकान को छूमंतर करना है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments