Friday, March 14, 2025
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स्वर कोकिला Lata Mangeshkar ने दुनिया को कहा अलविदा, देश में दो दिन का होगा राष्ट्रीय शोक

नई दिल्ली। भारत में रहने वाले हर व्यक्ति के लिए काफी दुख देने वाली खबर है कि लता मंगेशकर अब हमारे बीच नही रही। भारत का रत्न और स्वर कोकिला कहलाने वाली प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। सेलेब्स से लेकर राजनेताओं तक हर कोई लगा जी के लिए सोशल मीडिया के जारिए से अपना दुख जाहिर कर रहा है।

Lata Mangeshkar health update: गायिका लता मंगेशकर के स्वास्थ्य में थोड़ा  सुधार - Desh ki Aawaz

गौरतलब है कि वह पिछले 29 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से ही उनका इलाज किया जा रहा था। खबरों की माने तो लता जी को कोरोना हुआ था लेकिन कोरोना से जंग जीत चुकी थी, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। रविवार को सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।

स्वर कोकिला के निधन से पूरा देश गमगीन है। लता जी के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए शिवाजी पार्क में रखा जाएगा। 12 बजे से 3 बजे तक उनके निवास पर अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे।

Lata Mangeshkar Health Update: लता मंगेशकर की हालत में है मामूली सुधार, अभी  भी हैं ICU में Lata Mangeshkar Health Update: There is slight improvement  in the condition of Lata Mangeshkar, still

जाहिर है कि लता मंगेशकर भारतीय सिनेमा की सबसे लोकप्रिय गायिका होने के साथ सबसे आदरणीय गायिका भी थीं। लता जी ने संगीत की दुनिया को छह दशक तक अपने सुरों से नवाजा। उनकी आवाज का जादू जहां सरहद पर खड़े जवान में जोश की लहर को दौड़ा देता है, तो वहीं उनके गाने सुनकर लोगों की आंख में आंसू भी आ जाते हैं।

लता जी 50 से 60 के दशक में गाए उनके गाने आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं उनकी आवाज का जादू ही है कि उन्हें स्वर कोकिला भी कहा गया। हालांकि भारत की महान गायिका बनने के बाद भी लता जी को एक बात का दुख हमेशा रहा।

 

स्वाद के साथ सेहत का भी रखना है ध्यान, तो इस तरह से बनाए पास्ता

नई दिल्ली। खाना खाना तो हर किसी को पसंद होता है, और फिर जब खाना सेहत के लिए सही हो तो फिर मजा ही आ जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताते है पास्ता बनाने का सही तरीका, जिससे आपकी सेहत भी खराब नही होगी और स्वाद में भी मजेंदार होगा।

सामग्री :-

1.5 कप पास्ता, 1 बड़ा बारीक कटा हुआ प्याज, 1/2 कप कटी हुई हरी शिमला मिर्च, 2 बारीक कटे हुए टमाटर, दो से तीन हरी मिर्च, एक छोटा टुकड़ा अदरक का, 1.5 छोटे चम्मच गरम मसाला, 1/2 चम्मच हल्दी, 1/2 छोटा चम्मच साबुत सरसों, एक छोटा चम्मच साबुत धनिया, करी पत्ता- 10-12, तेल बनाने के लिए।

विधि :-

– एक बर्तन में चार से पांच कप पानी डालें। इसमें नमक और एक छोटा चम्मच तेल भी डाल दें फिर पास्ता डालें और जब तक यह नरम न हो जाए, तब तक आंच पर रखें।
– इसके बाद पानी निकाल दें और ठंडे पानी से धोकर इसे एक तरफ रख दें।
– अब कढ़ाई में दो-तीन बड़े चम्मच तेल डालें। जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें सरसों, जीरा, कटी हुई हरी मिर्च, अदरक और करी पत्ता डाल दें।
– इसके बाद प्याज डालें और सारी सामग्री को रंग हल्का होने तक पकाएं।
– जब ये मसाले और सब्जियां पक जाएं तो टमाटर डालें और गाढ़ा होने तक भूनें।
– फिर शिमला मिर्च, नमक, गरम मसाला, हल्दी पाउडर डालकर 6-7 मिनट तक भूनें।
– अब पास्ता डालें और धीरे-धीरे इसे मिक्स करें।
– दो-तीन मिनट बाद इसे उतार लें और गरमा-गरम परोसें।

 

नीबूं का रस सेहत के लिए काफी फायदेमंद, जानिए इसके गुण

नईदिल्ली। हमारे भारतीय किचन में ही ऐसी कई खाद्य सामग्रियां हैं जो सेहत के लिए फायदेमंंद होती हैं। इनके उपयोग से कई तरह की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है और कई बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। इन्हीं खाद्य सामग्रियों में से एक है नींबू। नींबू कई औषधीय गुण से भरपूर होता है। चेहरे के दाग-धब्बों और मुहासों से लेकर सेहत से जुड़ी अन्य समस्याओं में आप नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू में विटामिन सी होता है।

आयुर्वेद में नींबू को महत्वपूर्ण फल माना जाता है, जिसे सर्वश्रेष्ठ रोग नाशक और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाले फल के तौर पर विशेषज्ञ मान्यता देते हैं। नींबू को घरेलू उपचार और दवा के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर नींबू के के कई फायदें हैं।

Why drinking honey and lemon water early in the morning good for health rj  | सुबह ख़ाली पेट गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पीने के फायदे - Latest  News &
1. कब्ज- अगर आपको पाचन या पेट संबंधी समस्या है तो आप नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं। सुबह उठकर खाली पेट दो गिलास पानी में एक नींबू और थोड़ा नमक डालकर पीएं। शाम में भी नींबू नमक का पानी पीएं। ऐसा करने से कब्ज से राहत मिलेगी।

2. उल्टी- इसके अलावा अगर आपको उल्टी आ रही हो तो आधे कप पानी में नींबू के रस, जीरा और एक इलायची के दाने को पीसकर मिलाएं। दो घटों के अंतराल में इसे पीने से उल्टी बंद हो जाती है।

3. खट्टी डकारें- सही खान पान न होने से खाना पचता नहीं है, जिसके कारण शरीर में अम्लता बढ़ती है और खट्टी डकारे आने लगती हैं। इसे दूर करने के लिए पीना में नींबू का रस, चीनी और थोड़ा नमक मिलाकर पीने से राहत मिलती है।

4. चेहरे के दाग-मुहांसे हटाना- त्वचा पर होने वाले दाग-धब्बे और मुहांसे की समस्या से अक्सर लोग परेशान होते हैं। इसका सस्ता और फायदेमंद इलाज है नींबू। एक चम्मच मलाई में एक चौथाई नींबू निचोड़ कर रोज चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे की रंगत साफ होती है और मुहांसों से भी राहत मिलती है। लगभग एक महीना ऐसा करने से आपको असर दिखने लगेगा।

5. वजन घटाना- वजन कम करने या मोटापा घटाने के लिए नींबू का रस लाभकारी है। रोजाना सुबह एक गिलास पानी में एक नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से वजन कम होता है।

6. बालों का झड़ना- अगर गंजेपन की शिकायत हो रही है तो नींबू बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे बाल झड़ना रुक जाते हैं। पके केले में नींबू का रस मिलाकर उसका पेस्ट बना लें और नियमित सिर की जड़ो में लगाएं। गंजापन दूर होता है। नींबू के रस को आंवला पाउडर के साथ मिलाकर भी बालों में लगा सकते हैं, इससे रूसी खत्म होती है और बाल काले व लंबे होते हैं।

हिजाब मामला :आखिरकार सरकार क्यों नहीं सुलह कराना चाहती है

कर्नाटक  के कॉलेजों में हिजाब (Hijab) पहनने के अधिकार को लेकर छात्राओं का विरोध कई कॉलेजों में फैल चुका है.कर्नाटक में कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब पहनकर कक्षाओं में उपस्थ‍ित होने देने की मांग को लेकर विरोध के बीच,आज (शनिवार, 5 फरवरी) सुबह, हिजाब पहने लगभग 40 छात्राएं कर्नाटक के उडुपी जिले के एक तटीय शहर कुंडापुर में भंडारकर आर्ट्स एंड साइंस डिग्री कॉलेज के मेन गेट पर तब खड़ी हो गईं, जब कॉलेज कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया और हिजाब उतारने को कहा लेकिन छात्राओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कॉलेज के मेन गेट पर ही जमा हो गए. इस विरोध की वजह से दूसरे दिन भी उनकी क्लास छूट गई.कॉलेज की निर्देश पुस्तिका के मुताबिक, ‘छात्राओं को परिसर के अंदर स्कार्फ पहनने की अनुमति है, हालांकि स्कार्फ का रंग दुपट्टे से मेल खाना चाहिए, और किसी भी छात्र को कैंटिन समेत कॉलेज परिसर के अंदर कोई अन्य कपड़ा पहनने की अनुमति नहीं है.और इसपर हाईकोर्ट 8 फरवरी को सुनवाई करने जा रहा है

छात्रों के एक समूह ने भगवा स्कार्फ पहनकर अपने कॉलेज तक मार्च किया. उडुपी जिले के कुंडापुर  के वीडियो में लड़के और लड़कियां कॉलेज की वर्दी पर स्कार्फ पहने हुए और कॉलेज जाते समय “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस विरोध ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं और राजनीतिक बहस भी शुरू कर दी. कांग्रेस और भाजपा ने  एक-दूसरे पर निशाना साधा है. और वही हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भगवा स्कार्फ पहनकर छात्र सड़कों पर उतर आए. जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए छात्रों को रोका और किसी भी तरह की झड़प न हो इसको ध्यान में रखते हुए भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया. विवाद बढ़ने की आशंका के चलते भंडारकर कॉलेज ने भी शनिवार को छुट्टी घोषित कर दी है. उडुपी जूनियर कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर हुए विवाद में कॉलेज प्रबंधन और छात्राओं ने जहां अपना रुख़ कड़ा कर लिया है, वहीं अब ये विवाद उडुपी ज़िले के दो और कॉलेजों के साथ ही शिवमोगा ज़िले के भद्रावती तक फैल गया है. छात्रों के दो गुटों के बीच हिजाब और भगवा शॉल पहनने का मुक़ाबला कर्नाटक हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है.वहीं,

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरस्वती पूजा के दिन ट्वीट करके कहा कि ‘छात्रों के हिजाब को उनकी शिक्षा में आड़े आने देकर हम भारत की बेटियों का भविष्य लूट रहे हैं. मां सरस्वती सभी को ज्ञान देती हैं, वह भेद नहीं करती.’

विवाद के पीछे कौन  है   : नागेश

शिक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि हिजाब विवाद के पीछे एक गहरी ‘साजिश’ है. कुछ लोग जो इस देश की प्रगति के खिलाफ हैं वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने और समाचार बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्नाटक शिक्षा अधिनियम के आधार पर 2013 और 2018 में नियम बनाए गए हैं. इनके मुताबिक शैक्षणिक संस्थानों तथा स्कूल विकास और निगरानी समिति (एसडीएमसी) को छात्रों के लिए यूनिफॉर्म निर्धारित करने का अधिकार है. इन तमाम पहलुओं पर विचार किया जा रहा है और सरकार जल्द ही इस पर एक निर्णय करेगी.अभी एक परिपत्र जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि शैक्षणिक वर्ष शुरू होने से पहले एसडीएमसी द्वारा निर्धारित और अभी तक छात्रों द्वारा पहनी जा रही यूनिफॉर्म को उच्च न्यायालय का फैसला आने तक जारी रखा जाए. कोई भी शैक्षणिक संस्थानों पर अपना व्यक्तिगत या धार्मिक विचार नहीं थोप सकता. उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसला  क्यों  बन गया है मामला का सुलहदार

नागेश ने कहा कि केरल और बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने पहले के आदेशों में विशेष रूप से कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब नहीं पहना जा सकता है. छात्रों से किसी और के लिए ‘बलि का बकरा’ न बनने की अपील करते हुए कहा कि ऐसे समय में नफरत का माहौल न हो जब परीक्षाओं में दो महीने का समय रह गया है. छात्रों ने जब स्कूलों में नामांकन लिया तब प्रधानाचार्य ने वहां के नियमों के बारे में लिखित रूप में सूचित किया.इनमें यूनिफॉर्म को लेकर भी नियम थे जिसे उन्होंने लिखित रूप में स्वीकार किया और हस्ताक्षर किए. जनवरी के पहले सप्ताह तक सभी छात्रों ने नियमों का पालन किया. लेकिन, उसके बाद किसी ने किस शरारत के कारण उन्हें हिजाब पहनने को लेकर इस तरह का रुख अपनाने और कक्षाओं का बहिष्कार करने को प्रेरित किया. यह समझ से परे है.स्थानीय विधायक और समुदाय के नेताओं द्वारा पिछले एक महीने से कई बार छात्राओं को समझाने की कोशिश की जा रही है.

सरकार का रूख एक सामान कैसे

हिजाब के विरोध में भगवा शॉल के साथ आने वाले छात्रों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ स्वाभाविक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं. लेकिन, वैसे छात्रों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी जो भगवा शॉल ओढ़कर आए . उनके प्रति सरकार का रुख कोई अलग नहीं है.

पसंद के हिसाब से यूनिफार्म नहीं : सुनील

कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री वी.सुनील कुमार ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म होती है.धार्मिक पसंद के हिसाब से यूनिफॉर्म नहीं पहनी जा सकती.भाजपा सरकार उडुपी या मेंगलूरु को एक और हिजाब पहनने के तालिबान नहीं बनने देगी.लेकिन वही कही लोगों इसे मौलिक अधिकार से जोडकर देख रहे है .

मौलिक अधिकार का क्यों हवाला दिया जा रहा है 

संविधान का अनुच्छेद 25 (1) “अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म को मानने, अभ्यास करने और प्रचार करने के लिए स्वतंत्र रूप से अधिकार” की गारंटी देता है. यह एक अधिकार है जो नकारात्मक स्वतंत्रता की गारंटी देता है – जिसका अर्थ है कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि इस स्वतंत्रता का प्रयोग करने में कोई हस्तक्षेप या बाधा नहीं है. हालांकि, सभी मौलिक अधिकारों की तरह, राज्य सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता, नैतिकता, स्वास्थ्य और अन्य राज्य हितों के आधार पर अधिकार को प्रतिबंधित कर सकता है.

वर्षों से, सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्धारित करने के लिए एक व्यावहारिक परीक्षण विकसित किया है कि किन धार्मिक प्रथाओं को संवैधानिक रूप से संरक्षित किया जा सकता है और क्या अनदेखा किया जा सकता है. 1954 में, सुप्रीम कोर्ट ने शिरूर मठ मामले में कहा कि “धर्म” शब्द में धर्म के लिए “अभिन्न” सभी अनुष्ठानों और प्रथाओं को शामिल किया जाएगा. अभिन्न क्या है यह निर्धारित करने के लिए परीक्षण को “आवश्यक धार्मिक प्रथाओं” परीक्षण कहा जाता है। इसको लेकर  मुस्लिम पक्ष डटा हुआ है .

Ind vs WI ने 11 ODI 1st 2022 खेलने की भविष्यवाणी की

India और West Indies तीन मैचों का ODI One Day International Match वर्ष 2022 का 6 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं इसका पहला ODI मैच नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद मै होने वाली है South Africa के साथ ODI सीरीज मै हार के बाद टीम इंडिया पूरी तरह से त्यार है वेस्ट इंडीज़ के साथ मुकाबला करने को । अब भारत क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा हैं और वे अपना पहला One Day International कप्तान के तौर पे खेलने जा रहे हैं । हाल ही में आप लोग ने पढ़ा होगा की शेकर धवन ऋतुराज गायकवाड़ सहित कुछ और खिलाड़ी कोरॉना पॉजिटिव पाए गए थे तो आइए जानते हैं दोनों टीमों को Predicted प्लेयिंग इलेवन कौन हो सकते हैं ।

भारत वनडे टीम रोहित शर्मा (कप्तान), रुतुराज गायकवाड़, शिखर धवन, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, दीपक हुड्डा, वाशिंगटन सुंदर, केएल राहुल, ऋषभ पंत, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई, मोहम्मद सिराज , प्रसिद्ध कृष्णा, अवेश खान।

वेस्टइंडीज वनडे टीम कीरोन पोलार्ड (कप्तान), डैरेन ब्रावो, शमरह ब्रूक्स, ब्रैंडन किंग, फैबियन एलन, नकरमाह बोनर, जेसन होल्डर, शाई होप, निकोलस पूरन, अकील होसेन, अल्जारी जोसेफ, केमार रोच, रोमारियो शेफर्ड, ओडियन स्मिथ, हेडन वॉल्श।

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IND vs WI के लिए संभावित प्लेइंग इलेवन:

इंडिया

रोहित शर्मा (कप्तान), ईशान किशन, विराट कोहली, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर, दीपक चाहर, युजवेंद्र चहल, प्रसिद्ध कृष्णा/मोहम्मद सिराज

वेस्ट इंडीज

शाई होप (विकेटकीपर), नक्रमाह बोनर/ब्रैंडन किंग, शमरह ब्रूक्स, डैरेन ब्रावो, निकोलस पूरन, कीरोन पोलार्ड (कप्तान), जेसन होल्डर, रोमारियो शेफर्ड/हेडन वॉल्श जूनियर, अकील होसेन, अल्जारी जोसेफ, केमार रोच ।

13 फरवरी से मरू महोत्सव का होगा आगाज।  

जैसलमेर। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री और पोकरण विधायक शाले मोहम्मद के प्रयासों से फिर परमाणु नगरी पोकरण में मरू महोत्सव का आयोजन हो रहा है। शुक्रवार को अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़, उपनिवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विस्तार एवं जल उपयोगिता विभाग मंत्री शाले मोहम्मद अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहे। जहा उन्होंने सांकड़ा पंचायत समिति सभागार में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में विश्व प्रसिद मरू महोत्सव के आयोजन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जैसलमेर में 13 फरवरी से मरू महोत्सव शुरू होने जा रहा है और यह 16 फरवरी तक रहेगा। स्वर्ण नगरी जैसलमेर में होने वाले मरु मेले का पहले दिन पोकरण से आगाज होगा। वहीं पोकरण में भी एक दिवसीय मरु महोत्सव का आयोजन से पोकरण में पर्यटक को बढ़ावा मिलेगा जिसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है और मंत्री शाले मोहम्मद ने प्रशासनिक अधिकारियों की मैंराथन बैठक को लेकर विचार विमर्श किया। पोकरण में मरु महोत्सव का आग़ाज़ परमाणु नगरी से किया जायेगा। 13 फरवरी को रैली के रूप में शोभायात्रा निकाली जाएगी। मंत्री ने इस बार पर्यटकों को रिझाने के लिए कार्यक्रम को उचित तरीके से किये जाने के लिए भी दिशा निर्देश दिए।अपने क्षेत्र के विकास कार्यों, जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी अधिकारियों से फ़ीडबैक लिया। वही जिन योजनाओं के अंतर्गत कार्य प्रक्रियाधीन हैं, उन्हें समय पर एवं गुणवत्तापूर्ण पूरा करने को भी कहा। मंत्री शाले मोहम्मद ने पोकरण, उजला, फलसूंड सहित अन्य विभिन्न स्थानों पर जनसुनवाई कर आमजन से रूबरू होकर अभाव अभियोग सुने एवं संबंधित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण कर राहत देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता को राहत देने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।

टरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  हैदराबाद के पाटनचेरु में इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए. ICRISAT का विशेष लोगो भी लॉन्च किया. उनके साथ तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी थे.पीएम मोदी ने कहा कि 50 साल एक बहुत बड़ा समय होता है और इस 50 साल की यात्रा में जब जब जिस जिस ने जो जो योगदान दिया है, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं. इस काम को आगे बढ़ाने के लिए जिन जिन लोगों नें प्रयास किया है, मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं. आपके पास 5 दशकों का अनुभव है. इन 5 दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है. पीएम मोदी बोले आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है. जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाएं और परिस्थितियाँ एक बड़ी चुनौती रही हैं. यह मानव और बुनियादी ढांचे दोनों को प्रभावित करता है. हमारी सरकार ने इस तरह के बुनियादी ढांचे के लिए एक वैश्विक संस्थान शुरू किया है और आज हम कृषि के लिए भी इसी तरह के संस्थान का उद्घाटन कर रहे हैं

पीएम ने कहा कि आप सभी जिस क्षेत्र में हैं उसका आधार ज्ञान, विज्ञान, इनोवेशन, इंवेंशन ही है, इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस आयोजन का एक विशेष महत्व हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आपके पास 5 दशकों का अनुभव है. इन 5 दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है. आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है. जैसे भारत ने अगले 25 सालों के लिए नए लक्ष्य बनाए हैं, उनपर काम करना शुरू कर दिया है. वैसे ही अगले 25 साल ICRISAT के लिए भी उतने ही अहम हैं.पीएम ने कहा कि बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण पक्ष है- डिजिटल एग्रीकल्चर. ये हमारा फ्यूचर है और इसमें भारत के टेलेंटेड युवा, बहुत बेहतरीन काम कर सकते हैं. डिजिटल टेक्नॉलॉजी से कैसे हम किसान को empower कर सकते हैं, इसके लिए भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं. पीएम ने कहा कि हम फूड सिक्योरिटी के साथ-साथ न्यूट्रिशन सिक्योरिटी (पोषण सुरक्षा) पर फोकस कर रहे हैं.पीएम मोदी बोले आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है. जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाएं और परिस्थितियाँ एक बड़ी चुनौती रही हैं. यह मानव और बुनियादी ढांचे दोनों को प्रभावित करता है. हमारी सरकार ने इस तरह के बुनियादी ढांचे के लिए एक वैश्विक संस्थान शुरू किया है और आज हम कृषि के लिए भी इसी तरह के संस्थान का उद्घाटन कर रहे हैं.

 

मूर्ख लोग हैं जो, वो इस तरह की बात फैलाते हैं -लालू प्रसाद यादव

नई दिल्ली:  राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को उन अटकलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि वह पद छोड़ देंगे और बेटे तेजस्वी यादव अगले पार्टी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल सकते हैं. दिल्ली में जब लालू प्रसाद यादव से पूछा गया कि क्या तेजस्वी यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘मूर्ख लोग हैं, जो ये बात फैलाते हैं. जो भी होगा हमें पता चल जाएगा’लालू प्रसाद यादव लंबे समय से खराब स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं। वे ज्यादातर समय राजधानी दिल्ली में अपने दिल और गुर्दे से संबंधित कई बीमारियों के लिए सख्त चिकित्सीय देखरेख में बिताते हैं। हालांकि, इस बीच उनके पार्टी के कार्यक्रम के लिए आने की उम्मीद है। खराब स्वास्थ्य के कारण तथा चारा घोटाला के एक और मामले में फिर से जेल की सजा होने की स्थिति में लालू के राजद अध्यक्ष का पद छोड़ने की अटकलें चल रही हैं। रांची में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो  की एक अदालत डोरंडा कोषागार से गबन मामले में इस महीने फैसला सुनाने वाली है।

पटना में 10 फरवरी को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। ऐसी अटकलें हैं कि लालू प्रसाद यादव अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंप सकते हैं। ऐसे में दिल्ली में जब लालू से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने मीडिया को ही मूर्ख बता दिया

लालू यादव से रिपोर्टर ने पूछा कि क्या तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा तो उन्होंने कहा कि वो मूर्ख लोग हैं जो इस तरह की न्यूज चलाते हैं। मूर्ख लोग हैं जो, वो इस तरह की बात फैलाते हैं। क्या होगा वो आपको मालूम हो जाएगा ना। बता दें कि इससे पहले तेजप्रताप यादव ने भी इन खबरों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि उनके पिता राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वही रहेंगे। लंबे समय से खराब स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं। वे ज्यादातर समय राजधानी दिल्ली में अपने दिल और गुर्दे से संबंधित कई बीमारियों के लिए सख्त चिकित्सकीय देखरेख में बिताते हैं तेजस्वी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने पर तेजप्रताप ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारे पिता पहले से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने शुरू से ही संगठन को बहुत अच्छी तरह से चलाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष वही हैं और वही रहेंगे।’

बॉलीवुड एक्टर ‘बॉबी देओल’ ओटीटी पर फिर से लेकर आ रहे हैं सीरिज

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल वेब सीरीज आश्रम के बाद बॉबी देओल एक बार फिर से ‘लव हॉस्टल’ में निगेटिव किरदार में नजर आने वाले हैं। आश्रम और क्लास ऑफ लव जैसी वेब सीरीज से अपने करियर को दोबारा पटरी पर लाने वाले बॉबी देओल फिर से ओटीटी प्लेटफार्म पर छाने को तैयार हैं। अपनी आगामी फिल्म लव हॉस्टल ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाली है। बॉबी देओल ने सोशल मीडिया के जरिए फिल्म का फर्स्ट लुक शेयर किया, जो दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।

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फिल्म लव हॉस्टल का निर्देशन शंकर रमन ने किया है और इस फिल्म का निर्माण शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने किया है। लव हॉस्टल की कहानी उत्तर भारत में दर्शायी गई है। फिल्म में बॉबी देओल एक मर्सिनरी के किरदार में नजर आने वाले हैं जो विक्रांत मैसे और सान्या मल्होत्रा के पीछे पड़ा है।

फिल्म में विक्रांत और सान्या लवर्स के किरदार में हैं। बॉबी देओल की फिल्म ‘लव हॉस्टल’ 25 फरवरी को ओटीटी प्लेटफार्म जी 5 पर रिलीज की जाएगी। बॉबी देओल ने सोशल मीडिया पर फिल्म का फर्स्ट लुक जारी करते हुए इसकी रिलीज के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, ‘क्या नफरत से प्यार बच जाएगा?

क्या प्यार सभी बाधाओं के खिलाफ जीत जाएगा? आपके लिए सबसे बहुप्रतीक्षित लव हॉस्टल लाने के लिए उत्साहित, 25 फरवरी को केवल ZEE5 पर रिलीज़ हो रही है। खैर देखना होगा कि सीरिज दर्शकों को कितना पसंद आती है।

सरकार ने सोशल मीडिया के नियमों को और सख्त बनाने का फैसला किया है:

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सोशल मीडिया को और अधिक जवाबदेह बनाने की जरूरत है और इस संबंध में सख्त नियम लाए जा सकते हैं यदि इस मामले पर राजनीतिक सहमति हो। मंत्री ने कहा कि अगर सदन में सहमति होती है, तो सरकार सोशल मीडिया के और भी कड़े नियम देने को तैयार है।

इस संबंध में कई पूरक के जवाब में उन्होंने कहा कि जब भी सरकार ने सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए कोई कदम उठाया है, विपक्ष ने उस पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है। “लेकिन ऐसा नहीं है,” उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा।

सोशल मीडिया
Ashwini Vaishnav

 

मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली ‘बुली बाई’ जैसी वेबसाइटों के खिलाफ क्या कार्रवाई शुरू की गई है, इस पर बीजेपी के सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उल्लंघन के संज्ञान में आने पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की।

मंत्री ने कहा, “हमें अपनी महिलाओं और हमारी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए एक संतुलन और आम सहमति बनानी होगी।” इसके लिए उन्होंने कहा, सोशल मीडिया के नियमों को मजबूत करना होगा और अगर विपक्ष सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाता है, तो यह गलत है।

“हमें एक साथ नई दिशा की ओर बढ़ना है।” कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया के कामकाज को प्रभावी ढंग से जांचने के लिए कोई सत्यापन प्रक्रिया की गई है, मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर सख्त जवाबदेही है।

उन्होंने कहा, “अगर सदन में सहमति होती है, तो हम सोशल मीडिया के और भी कड़े नियम देने को तैयार हैं। मेरा निजी तौर पर मानना ​​है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमें नियमों को और सख्त बनाना चाहिए।” मंत्री ने यह भी कहा, “मैं आपसे सहमत हूं कि हमें एक समाज के रूप में आगे आना होगा और सोशल मीडिया की और अधिक जवाबदेही तय करनी होगी।”

उन्होंने कहा कि इस समय सरकार संवैधानिक ढांचे के भीतर काम कर रही है और राज्यों और केंद्र दोनों की भूमिका को परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​कुछ एजेंसियों या मेरी टीम से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में होने वाले किसी भी साइबर अपराध के लिए एक ढांचा तैयार किया गया है और इसे केंद्रीय पोर्टल पर रिपोर्ट किया जा सकता है और संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी को जाता है। ‘बुली बाई’ जैसी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई पर वैष्णव ने कहा, “यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना हमारी सरकार का एक मौलिक निर्माण है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। यह हमारी प्रतिबद्धता है और है इसमें किसी धर्म या क्षेत्र की बात नहीं है।” उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है, कार्रवाई न केवल सतह पर है बल्कि आईटी मंत्रालय मूल कारणों तक जाकर गहराई से चला गया है।

श्री वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया सभी प्रचलित है और आज हमारे जीवन में इसका बहुत महत्व है और सरकार सोशल मीडिया को सुरक्षित और जवाबदेह बनाने, इसके दुरुपयोग से बचने के लिए 2021 में व्यापक मध्यस्थ नियम और दिशा-निर्देश लेकर आई है। उन्होंने कहा कि इसके तहत पांच संस्थागत ढांचे थे और सभी सोशल मीडिया मध्यस्थ अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट ऑनलाइन प्रकाशित करने के लिए बाध्य हैं।

मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा, “ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के अनुसार मध्यस्थ के रूप में योग्य हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत में इंटरनेट खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय और जवाबदेह है। सभी उपयोगकर्ताओ के लिए।” उपरोक्त उद्देश्यों के अनुरूप, सरकार ने 25 फरवरी 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंटरनेट सुरक्षित और विश्वसनीय है।

उन्होंने कहा कि नियम महत्वपूर्ण सोशल मीडिया बिचौलियों द्वारा पालन किए जाने वाले अतिरिक्त उचित परिश्रम का भी प्रावधान करते हैं।